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कन्या भ्रूण हत्या के कारण Reason for Female Foeticide

July 28, 2018 Add Comment
भारतीय परंपरा में लड़कों को इसलिए महत्व मिला है, कि वह वंश परंपरा को आगे बढ़ाता है। जिस परिवार में लड़का आ गया तो माता-पिता आश्वस्त हो जाते हैं, कि उनका वंश आगे चलता रहेगा। हमारे शास्त्र भी कहते है, कन्या पराई है। वह अपने पति के घर चली जाएगी। वह बड़ी क्या होती है कि माता-पिता को चिंता सताने लगती है। समय से उसकी शादी कर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहते हैं। एक तो वह पिता के वंश को आगे नहीं बढ़ा सकती और दूसरा उसकी शादी के लिए माता पिता को न जाने कितने पापड़ बेलने पड़ते हैं। कोई परिवार मिला तो लड़का नहीं, लड़का ठीक मिला तो परिवार नहीं; कही लडका, परिवार ठीक है तो जमीन जायदाद नहीं और सब कुछ ठीक है तो लाखों करोड़ों का दहेज, कहां से लाए? चलिए, कन्या भ्रूण हत्या के इन्हीं कारणों को हम जानते हैं...

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कन्या भ्रूण हत्या के कारण

Reason for Female Foeticide


समाज में नारी की कमजोर स्थिति :-

भारत पुरुष प्रधान देश है। जहां सदियों से पुरुष को प्रधानता दी जाती है और नारी को एक कमजोर कड़ी के रुप में देखा जाता है। समाज में नारी की कमजोर स्थिति है।  इसलिए लोग लड़की को जन्म देने से कतराते हैं। क्योंकि उन्हें लगता है, लड़की की परवरिश करना इतना आसान काम नहीं हैं। समाज नारी को एक दयनीय दृष्टि से देखता है। इस कारण से भी कन्या भ्रूण हत्या को बढ़ावा मिल रहा है।


असुरक्षा की भावना :-

नारी के जीवन में सुरक्षितता का अभाव है। आज भारत माता की बेटी का जीवन हर क्षेत्र में असुरक्षित है। आए दिन हम बलात्कार, यौन शोषण आदि के कई किस्से सुनते हैं। नारी का जीवन असुरक्षित है, इस भावना से भी माता पिता बेटी को जन्म नहीं देना चाहते।


दहेज प्रथा, बलात्कार, अपहरण :-

दहेज प्रथा, बलात्कार, अपहरण आदि के डर से भी यह समाज बेटी के जन्म से कतराता है। बेटी को जन्म नहीं देना चाहता। पुत्री के विवाह के लिए दहेज पर अत्यधिक खर्च की परंपरा अनचाहे बेटी को जन्म देने से रोकता है। हमारे देश में नारी की सुरक्षितता बढ़नी चाहिए ताकि वहां खुलेआम अपनी बाहें फैलाकर अपने जिंदगी का आयाम पा सके। लेकिन देश में इसकी कमी है। इसलिए बलात्कार, अपहरण जैसी बातों से उसे गुजरना पड़ता है। इन कारणों से भी समाज बेटी को जन्म नहीं देना चाहता।

पुरुष पराश्रित :-

नारी पुरुष पर आश्रित है। वह स्वावलंबी जीवन नहीं जी सकती। उसे किसी न किसी का सहारा चाहिए। इस बात के डर से समाज नारी को जन्म नहीं देना चाहता।

विवाह के बाद दूसरे वंश परंपरा के हो जाना :-

बेटी तो पराया धन है। शादी होने के बाद वह किसी और की अमानत है। वह कभी अपने वंश की परंपरा नहीं चला सकती। विवाह के बाद वह दूसरे वंश की हो जाएगी, इस डर से भी माता पिता बेटी को जन्म नहीं देना चाहते।

अपने पिता की वंश परंपरा की वाही का ना होना :-

बेटियां अपने पिता की भविष्य परंपरा की वाही नहीं बन सकती। बेटा ही वंश को दीपाएगा,  आगे लेकर जाएगा। जिससे उनका वंश आगे बढ़ते रहेगा। पीढ़ीन- पीढ़ी उनके वंश का नाम चलता रहेगा, इस बात से आकर्षित होकर भी माता पिता बेटी के जन्म से ज्यादा बेटे के जन्म की चाह रखते हैं। क्योंकि वह सोचते हैं बेटा हमारे परिवार का वंशज है, बेटी नहीं।

                        यदि यह सब होता रहा तो गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना पड़ेगा। प्रकृति और नियम के विपरीत कार्य करने का परिणाम बहुत भयंकर होता है। यदि यह चलता रहा तो सृष्टि के असंतुलन के लिए तैयार रहना होगा। कन्याओं की संख्या में कमी हो जाने से स्त्री पुरुष जोड़ी के असंतुलन से अपहरण, बलात्कार,
व्यभिचार आदि को बढ़ावा मिलेगा। कन्या अपहरण जैसी बुराई बहुत विकराल रुप ले लेगी।

                      हमें इन्हीं कारणों को ढूंढ कर इन कारणों को दूर करने का प्रयास करना पड़ेगा। तभी हमारा समाज बदलेगा, देश बदलेगा, देश की प्रगति होगी। क्योंकि स्त्री और पुरुष दोनों ही एक ही रथ के पाए हैं,  टूट गया तो हमारा समाज बिखर जाएगा। असंतुलित हो जाएगा। दोस्तों! इन कारणों को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक शेयर करें। ताकि हम कन्या भ्रूण हत्या से निजात पा सके और एक सुंदर कली हमारे जीवन में हमेशा महकती रहे।





सफलता पाने के 10 मूलमंत्र / नुस्खे 10 Tips to Get Quick Success

June 12, 2018 3 Comments
हर व्यक्ति अपने क्षेत्र में सफल होना चाहता है। उसके लिए वह प्रयास भी करता है। लेकिन परिश्रम करने का  तरीका सही नहीं हो तो असफलता मिलने की संभावना रहती है। इसलिए हमने सफलता पाने के लिए 10 मूल मंत्र आपके साथ शेयर किए हैं। इसे अपनाइए, जल्द ही सफलता आपके कदम चूमेगी। तो चलिए जानते हैं सफलता पाने के 10 मूलमंत्र....
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सफलता पाने के 10 मूलमंत्र / नुस्खे

10 Tips to Get Quick Success


◆ मंजिल तय करें :-

अपनी क्षमताओं, जरूरतों और सपनों को अच्छी तरह तौल लें। फिर आखरी फैसला करिए कि आपको बनना क्या है? मंजिल हमेशा बड़ी रखें, बड़ा सपना देखे। मंजिल तय करने में वक्त भले ही लगे किंतु जो चाहे वह करें, उसे बदले नहीं।

◆ जी जान से जुट जाएं :-

मंजिल तय कर लेना का क्या अर्थ है, अगर आपने वहां तक पहुंचने की कोशिश भी ना की। केवल सोच कर ना रह जाए, अपनी सोच को साकार भी करिए। आत्मविश्वास और निर्भीकता के साथ चलिए। बिल्कुल पीछे मत हटिए।

◆ सकारात्मक बने रहें :-

आप जैसा सोचते हैं, रहते हैं, वैसा ही आपके साथ होता है। हमेशा केवल सकारात्मक ही सोचिए, आपको सफलता मिलती रहेगी। सफल होने से पहले आपको असफल भी होना पड़ सकता है। शांति से असफल होना सीखें। असफलता आपको अनुभवी बनाती है। असफलता आने पर खिन्न या उदास होकर बैठ ना जाए। असफलता ही सफलता को खींचकर सामने लाती है। हमेशा सकारात्मक ही विचार करें क्योंकि उनका प्रभाव आपके जीवन में पड़ेगा।

◆ परिश्रम का कोई विकल्प नहीं :-
कठोर परिश्रम कभी न करें। सोच समझकर योजना बनाकर परिश्रम करें, ताकि सफलता आपके कदम जल्द ही चूमेगी। अपने सहकर्मियों को भी यही सिखाएं। आपके पूरे टीम के साथ परिश्रम करें। क्योंकि एकता में ही शक्ति है।

◆ गलतियां कबूल करें :-

अपनी गलतियों को कबूल करें, उनसे कुछ सीखें। जो काम करता है वह गलतियां भी करता है। जो काम नहीं करेगा, वह क्या गलतियां करेगा? अगर आपने गलती की है तो इसका अर्थ यह है कि आप काम कर रहे हैं। अपने किसी भी गलती पर शर्माएं नहीं। हर गलती को कबूल करें और उससे कुछ सीख लेने का ध्येय रखें।

◆ ईमानदार बने रहे :-

जमाने के साथ रहने की दुहाई देकर अगर आप ने बेईमानी करना जारी रखा तो आप की मानसिक शक्ति लगातार घटेगी। एक दिन ऐसा आएगा कि आप बेईमानी रूपी कुएं में मेंढक की तरह जी रहे होंगे। ईमानदारी ही सबसे अच्छी जीवनशैली है। इससे आप अपने सकारात्मक सोच की रक्षा कर सकेंगे। सभी के साथ ईमानदारी बरतें। एवं सभी को प्रोत्साहित करें कि वे भी आपके साथ ईमानदारी का बर्ताव करें।

◆ हर नई जानकारी को जज्ब करें :-

जनरल नॉलेज के क्षेत्र में कभी पीछे ना रहे। हर नई कला, तकनीक की बेसिक जानकारी अवश्य रखें। सामान्य जानकारियां बढ़ती है तो बुद्धि और आत्मविश्वास बढ़ जाते हैं। इससे निर्णय शक्ति को बल मिलता है। तीखी निर्णय शक्ति सफलता पाने के लिए हमेशा आवश्यक मानी गई है। लगातार विद्यार्थी बने रहे।

◆ भेड़चाल में शामिल ना हो :-

जैसा सब कर रहे हैं, वैसा ही अगर आपने किया तो आपकी शख्सियत क्या रहेगी ? दूसरों से भिन्न होने में हिचके नहीं। नए प्रयोगों को अपनाने में दूसरों से आगे रहे।

◆ जबान के पक्के साबित हो :-
वचन या तो दे नहीं और अगर दे तो उसका पालन अवश्य करें। बहुत जरूरी है कि समाज की नजरों में आप भरोसेमंद साबित हो। फिर तो आपको सफल होना ही है क्योंकि पूरा समाज आपको सहयोग दे रहा होगा।

◆ वक्त की कद्र करें :-

वक्त की अहमियत को समझें, वक्त जाया करेंगे तो अपनी जिंदगी को जाया करेंगे। वक्त के सख्त पाबंद बने। तरक्की की रफ्तार कई गुना हो जाएगी। टीवी के फालतू कार्यक्रम देख कर, मोबाइल में टाइम पास कर कर  वक्त  ना खराब करें। किसी भी परिस्थिति में  खुद का वक्त भी जाया ना करें और दूसरे का भी नहीं।  व्यर्थ की दोस्ती से बचें।

दोस्तों ! आशा है, "सफलता पाने के 10 मूल मंत्र" यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। इन टिप्स को अपनाकर सफलता हासिल करें। जिंदगी के हर क्षेत्र में कामयाब बनने का प्रयास करें। कामयाबी का आसमान छू कर आत्मविश्वास के साथ जिंदगी जीए।

नजरें बयां करती है दिल की दास्तां What Says Your Eye Sights

June 12, 2018 3 Comments
नजर नजर में हाले दिल का पता चलता है.... वाकई में आंखें हमारे व्यक्तिमत्व का आईना होती है। जिससे हम रूबरू हो सकते हैं। नजरें दिल की दास्तां बयां करती है, बस्स हमें उसे पढते आना चाहिए। चलिए जानते हैं नजरें क्या कहती है...



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नजरें बयां करती है दिल की दास्तां

What Says Your Eye Sights


◆ नजर से नजर मिलाकर बोलने वाले व्यक्ति निश्चयी, निर्भय और डैशिंग स्वभाव के होते हैं। वे कभी किसी को धोखा नहीं देते और झूठ बोलना भी उनको कतई पसंद नहीं आता।

◆ जो व्यक्ति आसमान और छत की और देख कर बोलते हैं, वह रूढ़ि परंपरा को मानने वाले होते हैं।
◆ बोलते और सुनते समय जो आंखें बंद कर लेते हैं, वे शांत स्वभाव के एवं आध्यात्मिक होते हैं।

◆ जो व्यक्ति बोलते समय आंखें बंद-चालू करते हैं, वे व्यक्ति चंचल स्वभाव के होते हैं।

◆ चश्मा पहन कर चश्मे के ऊपर के साइड से देखने वाले व्यक्ति के मन में शंका होती है।

◆ जो व्यक्ति नजर से नजर नहीं मिलाते एवं निचे देखकर बोलते हैं, उनके मन में कोई ना कोई भय जरूर रहता है। उनका कॉन्फिडेंस लेवल भी बहुत कम होता है।

◆ बात करते समय जो व्यक्ति सामने वाले का ऑब्जरवेशन करता है, वह व्यक्ति अहंकारी होता है। उसे दूसरों की अहमियत नहीं होती।

◆ जो व्यक्ति बोलते समय आंखें बंद कर लेते हैं और फिर बाद में खोल देते हैं, वे व्यक्ति ईमानदार, समझदार और दयावान होते हैं।

दोस्तों ! आशा है, "नजरें बयां करती है दिल की दास्तां"  यह आर्टिकल आप सभी को बेहद पसंद आया होगा। आप अपने परिजन, दोस्तों के नजरों को देख कर उनके बारे में कुछ जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो अपने दोस्तों के साथ भी इसे जरुर शेयर करें।


कन्या भ्रूण हत्या रोकने के उपाय Effective Measures to Control Female Foeticide

May 20, 2018 4 Comments
आधुनिक युग में बढ़ते अपराधों की श्रृंखला में एक भयंकर अपराध है-कन्या भ्रूणहत्या। इसका मुख्य कारण है इच्छित संतान की कामना। अजन्मे शिशु का लिंग परीक्षण कर मनचाही संतान से मुक्ति पाना, नई पिढी के लिए सरल और सुगम हो गया है। अधिकांश माता-पिता परीक्षण केंद्र में इसलिए जाते हैं कि पता चले कि होने वाला बच्चा लड़का है या लड़की और कन्या का पता चलते ही तत्काल भ्रूण हत्या के लिए तैयार हो जाते हैं। लेकिन इस भ्रूण हत्या को रोकने के लिए हमारे पास क्या-क्या उपाय हैं। उसके बारे में हम जानने की कोशिश करते हैं। भ्रूण हत्या को अगर ना रोका गया तो हमारे समाज का संतुलन बिगड़ जाएगा। हमारे समाज की दयनीय अवस्था हो जाएगी। और उसके भुगतान हमें भुगतना पड़ेंगा। इसलिए अगर हम अभी संभल गए तो हमारा जीवन में सुरक्षित हो जाएगा। तो चलिए, जानते है, कन्या भ्रूण हत्या रोकने के उपाय ....

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कन्या भ्रूण हत्या रोकने के उपाय 

Effective Measures to Control Female Foeticide


समान दृष्टि :-

लड़का और लड़की को समान दृष्टि से देखें। इनमें कोई भेदभाव की सीमा ना हो। आज तो परिस्थिति बदल गई है। लड़कियां भी हर क्षेत्र में लड़कों के साथ कदम बढ़ा रही है। दोनों भी अपने माता-पिता की जिम्मेदारी लेने में सक्षम है। लड़का लड़की दोनों को समान दृष्टि से देखने से कन्या भ्रूण हत्या में कुछ कमी आ सकती है।

लड़की के जन्म का करें स्वागत :-

लड़की के जन्म होने पर भी वैसी ही बधाई देना जैसे एक लड़के के जन्मदिन पर दी जाती है। लड़की तो घर की रौनक होती है। उसके आने से घर में खुशियां चहक जाती है। लड़की होने पर भी उसका इतना जोरदार स्वागत करें कि बाकी लोगों को प्रेरणा मिले। और वे भी लड़की का स्वागत हर्षोल्लास के साथ करें।

नारी समझे नारी का महत्व :-

नारी नारी के महत्व को समझें। अगर नारी नारी के महत्व को समझने लगेगी तो भ्रूण हत्या पर रोक पा सकते हैं। अगर नारी ही नारी को महत्व को नहीं समझेगी तो हम इस पुरुष प्रधान लोगों से क्या अपेक्षा कर सकते हैं। हमें ही कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए प्रयास करने पड़ेंगे। तभी पुरुषों के कदम भी भ्रूण हत्या रोकने के लिए बढ़ सकते हैं। क्योंकि नारी में बहुत शक्ति होती है, अगर वह एक बार ठान ले तो  कोई भी बात का अवलंबन करना उसके लिए कठिन नहीं है।

दहेज प्रथा पर रोक :-

दहेज प्रथा पर रोक लगाएं। दुल्हन स्वयं एक दहेज है। दहेज जैसी कुप्रथा को को हमें रोकना पड़ेगा। तभी हमारे समाज की, देश की उन्नति होगी। न जाने इस दहेज के कारण कितने ही माता-पिता की लड़की बिछड़ जाती है। उनको अपनी जान गवानी पड़ती है। दहेज एक सामाजिक अपराध है। जिसे लोग बहुत ही सहजता से करते हैं। दहेज प्रथा को रोकने के लिए  काफी कानून बनाए हैं। इन सभी का उपयोग करके दहेज प्रथा पर रोक लगाना बहुत ही जरूरी है।

लिंग परीक्षण ना करवाएं :-

लिंग परीक्षण करवाएं ही नहीं, धैर्य रखना चाहिए। जो आए उसका स्वागत करें। समादर करें। लड़का और लड़की एक ही गुलशन के दो फूल है। उन्हीं के कारण तो  हमारी जिंदगी महक उठती है। लड़का और लड़की में कोई फर्क ना करें। जिस तरह पुत्र का स्वागत होता है, उसी तरह पुत्री के जन्म होने पर भी ऐसी ही खुशियां मनाएं।

सामाजिक सुरक्षा :-

कन्याओं को सामाजिक सुरक्षा मिलनी चाहिए। बहुत से माता पिता इसलिए भी लड़की के जन्म से कतराते हैं क्योंकि उन्हें लगता है लड़की को पालना बहुत ही कठिन काम है। आज बलात्कार, यौन शोषण आदि समस्याओं से लड़कियों को जूझना पड़ता है। इसलिए वह लड़की को जन्म नहीं देना चाहते। सरकार ने कन्याओं के लिए अलग-अलग कानून बनाए हैं, बस अब हमें उन्हें अमल में लाना है। लड़कियों को ज्यादा से ज्यादा सामाजिक सुरक्षा कैसे मिले, इस और हमें कदम उठाने चाहिए। तभी हमारी बेटियां सुरक्षित एवं आत्मविश्वास के साथ अपनी जिंदगी जी सकती हैं।

शिक्षण-प्रशिक्षण :-

स्वावलंबी जीवन हेतु प्रतिभाशाली बालिकाओं के शिक्षण प्रशिक्षण में भेदभाव ना करें। अगर हम इक्कीसवीं सदी की बात करें तो आज हर क्षेत्र में लड़कियां अपनी कामयाबी का शिखर छू रही है। उन्हें भी अपने हुनर को विकसित करने का मौका मिला तो उनके लिए कोई भी काम करना मुश्किल नहीं हैं। बालिकाओं के लिए अलग-अलग शिक्षण प्रशिक्षण  उपलब्ध करने चाहिए। ताकि शैक्षणिक क्षेत्र के साथ सामाजिक क्षेत्र में भी वह अव्वल रहे।

कानून का हो पालन :-

भ्रूण हत्या विरोधी कानून का सही ढंग से पालन होना चाहिये। भ्रूण हत्या के विरुद्ध हमारे सरकार में कई सारे कानून बनाए हैं। बस उसे अमल में लाना है। लोग उसे अमल में नहीं लाते, कोर्ट कचहरी के काम करने के लिए वह कतराते हैं। लेकिन हमें हमारे न्याय के लिए लढ़ना आना चाहिए। कानून हमारे लिए बने हैं, उन्हें समझे और उनका पालन करें।

दोस्तों! आशा है, कन्या भ्रूण हत्या पर बनाए हुए यह उपाय हम जरूर अमल में लाएंगे। ताकि हमारा देश, समाज सुरक्षित रहें। एक मासूम को मार कर हमारे जीवन में कभी हमें सुख की प्राप्ति नहीं होंगी। कन्या भ्रूण हत्या को रोकें और जीवन सुदृढ़ बनाएं।


तनाव / टेंशन को कैसे कम करें? तनाव को कह दे, बाय!बाय!! तनाव को दूर करने के आसान उपाय Tips for Tension Free Life in Hindi

May 03, 2018 2 Comments
हर व्यक्ति खुश रहना चाहता हैं। लेकिन जिंदगी में अपेक्षाएं इतनी बढ़ गई है कि लोगों की जिंदगी भागदौड़ और व्यस्तता से भरपूर हो गई है। और इसी के साथ बढ़ गए हैं तनाव और जिंदगी से शिकायतें। वैसे देखा जाए तो हर व्यक्ति की जिंदगी में कुछ ना कुछ परेशानियां जरूर रहती हैं। लेकिन उन शिकायतों को भूल कर हमें खुश रहने का सदैव प्रयास करना चाहिए। सच तो यह है कि खुश रहना तो अपने हाथ में है। बस जरा अपने नजरिए में बदलाव लाना जरूरी है। जो हमारे अंदर खुशी है, उसे हमें महसूस करना आना चाहिए। अतः खुशी का यह अनमोल खजाना जो स्वयं अपने आप में छुपा हुआ है, उसे  ढूंढना आना चाहिए। अपने तनाव को  कैसे दूर करें ? इसके कुछ टिप्स हम आपके साथ शेयर कर रहे हैं। आइये, इन्हें अपनाकर हम अपने तनाव को  बाय-बाय करते हैं एवं अपने जिंदगी के मजे लूटते हैं....

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तनाव / टेंशन को कैसे कम करें?  तनाव को कह दे, बाय! बाय!! तनाव को दूर करने के आसान उपाय

Tips for Tension Free Life in Hindi


◆ चाहत खुश रहने की :-
 
                  खुश रहने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि हमारी स्वयं की इच्छा हो कि हम अपने आपको हर हाल में खुश रहने की कोशिश करेंगे। अतः छोटे-छोटे तनाव को भूल जाइए और छोटी से छोटी खुशियों को भी गले लगाइए। परेशान होने से समस्याएं खत्म नहीं होगी, जबकि हल्के मन से इनका समाधान खोजा जाए तो अवश्य ही मिल जाएगा।

◆ खुद से प्यार कीजिए :-
 
                     हमेशा अपने को दूसरे से कम समझना या जो नहीं है या जिसे प्राप्त ही नहीं किया जा सकता, उसके लिए दुखी होना, बुद्धिमानी नहीं है। अपनी कमियों को तो स्वीकार ले। लेकिन हममें जो प्रतिभा है, उन्हें पहचान कर अपने सपनों को साकार किजीए।

◆ साहसी बने :-
 
                      विषम परिस्थितियों में भी मनोबल बनाए रखिए। इस बात का हमेशा विश्वास रखिए कि किसी भी परिस्थिति को बदलने की क्षमता हम में है। प्रेरणात्मक पुस्तकों से प्रेरणा लीजिए।

◆ स्नेह और प्रेम से संजोए जिंदगी :-
 
                       जितना प्यार हम बाटेंगे यकीनन पाएंगे। निस्वार्थ भाव से दूसरों की सेवा करना, स्नेह और प्यार से उनकी झोली भर देना, इसमें जो हमें आत्मिक समाधान मिलता है, उसका आनंद अद्वितीय होता है। अपनी जिंदगी स्नेह और प्रेम से संजोकर जिंदगी की खुशियां लूटीये।

◆ धार्मिक विश्वास :-
 
                      दार्शनिकता जहां सकारात्मकता बनाए रखती हैं, वही धार्मिकता मनोबल प्रदान करती है। यह विपरीत परिस्थितियों में हमेशा हमारी हिम्मत बनाए रखती है। जो हुवा सो अच्छा हुआ हैं, जो हो रहा है वह भी अच्छा हो रहा है, जो होगा वह भी अच्छा होगा। ऐसे सकारात्मकता का दर्शन धार्मिक पुरुष  कर सकता है। भगवान पर विश्वास करने वाला व्यक्ति हर चीज को अपने नसीब पर छोड़ कर समभाव की आराधना करता है।

◆ रिश्तो को सहेजें :-
 
                    यदि पारिवारिक कारण ही आपके तनाव के जिम्मेदार हैं तो यह भी सोचिए कि यहीं परिवार तो है जिनके साथ हम अपनी समस्याओं को बांट सकते हैं। अतः आपसी तालमेल बनाए रखिए। क्योंकि परिवार के साथ होने का भाव मात्र ही आपको विपरीत परिस्थितियों से जूझने की हिम्मत देता हैं।

 ◆ दोस्त बनाए :-
 
                  अपनी दोस्ती का दायरा विस्तृत करें। लेकिन ऐसे लोगों के साथ अपनी दोस्ती बढ़ाएं, जो सकारात्मक विचार वाले और खुशमिजाज हो।  इसके विपरीत स्वभाव वाले व्यक्तियों से दोस्ती आप पर विपरीत प्रभाव पैदा करेगी। क्योंकि जो स्वयं नाखुश तनावयुक्त है, वह आपके मूड को कैसे खुशनुमा बना सकता है। बल्कि आपको ही हतोत्साहित करके आपके तनाव को और बढ़ा देंगे।

◆ विकल्पों की राह खुली रखिए :-
 
                        किसी भी कार्य को शुरू करने से पहले उसके अन्य विकल्प को भी ध्यान में रखिए। जिससे कि यदि आप कार्य में असफल भी होते हैं तो आपको तनाव नहीं होगा। क्योंकि आपके पास अन्य विकल्प भी होते हैं।

◆ अपना लाइफ स्टाइल बदले :-
 
                        घर ही वह जगह है, जहां इंसान सुकून महसूस करता है। अतः घर को आरामदायक, व्यवस्थित, साफ सुथरा बनाए है। घर में थोड़ा बहुत परिवर्तन चाहे, वह फर्नीचर के रखरखाव का हो या पेंटिंग अथवा पर्दों का आपको खुशी जरूर प्रदान करता है। रंग विशेष का प्रभाव भी आपके मुड़ पर होता है।

◆ अपने व्यक्तित्व को संवारें :- 
 
                      कुशल मेकअप एवं सही ड्रेसअप आपके साधारण से रंगरूप व कदकाठी को भी आकर्षक बना देता है। और दूसरों की प्रशंसात्मक नजरें निश्चित ही आपको खुशी प्रदान करेगी। अच्छे कपड़े व सुरुचिपूर्ण किया गया मेकअप स्वयं ही आपको एक ताजगी व स्फूर्ती का एहसास कराएगा।

◆ अपनी खुशी के लिए समय निकालें :-
 
                         खुश रहने के कोई भी मौके मत छोडिए। अपनी एक रस सी जिंदगी से बचने के लिए हफ्ते, महीने या साल में अपनी सुविधानुसार आउट ऑफ जाने का प्लान करें। वहां जाए तो अपनी समस्याओं को घर पर ही छोड़ दे। अपने परिवार के साथ जिंदगी के मजे लूटे। उन्हें भी थोड़ा समय दे। यह कुछ घंटे या दिनों के आनंद के पल आपको तरोताजा बनाए रखने एवं दोबारा अपनी पुरानी दिनचर्या को जीने के लिए उत्साहित करेंगे। अपने बच्चों के साथ खेल कर भी ऊर्जावान बना जा सकता है।

◆ स्वस्थ रहें, मस्त रहें, खुश रहें :-
 
                       स्वस्थ रहने के लिए खुद को समय दें। रोज  योगा, प्राणायाम, मॉर्निंग वॉक करने की आदत डालें। ताकि आपके चेहरे पर एक ग्लो दिखेगा। खुश रहने के लिए बहुत जरूरी है कि हमारा तन और मन दोनों स्वस्थ चाहिए। अपने किसी भी शारीरिक समस्याओं  के लिए  डॉक्टर से मिलने में लापरवाही ना करें। तन के साथ मन को भी स्वस्थ रखें। मन में नकारात्मक व अनुचित विचारों को स्थान ना दें। हमेशा अच्छी पुस्तकें एवं अच्छे थॉट्स पढ़े। अच्छी बातें सोचे, अच्छे लोगों के साथ रहें और यही सोचे कि आप एक खुशमिजाज व्यक्ति हैं। आप स्वयं तो खुश रहेंगे ही, साथ ही दूसरों को भी खुश रखने का प्रयत्न करेंगे।

दोस्तों ! इन सभी बातों को अपनाकर आप तनाव से मुक्त होकर आपकी जिंदगी में ढेर सारी खुशियां बरसेगी। हमेशा अपनी जिंदगी के प्रति सकारात्मक रवैया रखें, वही सोचे। सकारात्मक सोच  होंगी तो परिणाम भी सकारात्मक ही आएगा। जिंदगी बहुत ही खूबसूरत है और अपने अच्छे विचारों के साथ, अच्छे स्वभाव के साथ, सबकी मदद करके, आप अपनी जिंदगी को और भी बेहतरीन खुशनुमा बना सकते हैं।

जिंदगी आसान बनाने के सात नूस्के Seven Tips for Happy and Easy Life

March 18, 2018 7 Comments
जिंदगी जिंदादिली का नाम है। लेकिन बहुत से लोगों को जिंदगी जीना नहीं आता, बस्स वह अपनी जिंदगी गुजारते हैं। लेकिन दोस्तों जीवन में कुछ भी असंभव नहीं। निरंतर प्रयत्न और दृढ़ विश्वास से हर कठिनाई पर विजय प्राप्त की जा सकती है। प्रतिद्वंदिता के युग में वही टिकता है, जिसमें समय के साथ चलने की प्रवृत्ति हैं। कैरियर के क्षेत्र में स्वयं का मूल्य समझें और उसी के अनुसार भविष्य तय करें। इन नूस्के को आप अपना कर देखिए आपकी जिंदगी आसान हो जाएगी। आपने अपने भविष्य का कोई लक्ष्य निर्धारित कर रखा है, तो आवश्यकता है, उसे प्राप्त करने के लिए परिश्रम करने की एवं स्वयं के कुछ गुण विकसित करने की। तो चलिये जानते हैं जिंदगी जीने के सात नूस्के....


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जिंदगी आसान बनाने के सात नूस्के
Seven Tips for Happy and Easy Life
दक्ष बने :-

अपनी प्रतिभा को पहचान कर उसके अनुसार दक्षता विकसित करें। हमें यह पता होना चाहिए कि हमारा इंटरेस्ट किस चीज में है। हमें जिंदगी में हासिल क्या करना है? और जब हमारी मंजिल तय हो जाए तो हर कार्य में एक दक्षता होनी चाहिए। फिर जल्द ही हम अपनी मंजिल तक पहुंच सकते हैं। यदि उससे संबंधित किसी की राय भी लेनी पड़े, तो कोई बुराई नहीं है। अपना हर कार्य बड़े ही ईमानदारी और साहस के साथ पूरा करें।

आत्मविश्वासी बने :-

भविष्य निर्माण में संघर्ष करने के लिए आत्मविश्वास जरूरी है। अपनी मंजिल पर यदि आप आत्मविश्वास से आगे बढ़ेंगे तो मार्ग में आई बाधाओं को आसानी से पार कर सकेंगे। पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में हिस्सा लें। इससे आप में आत्मविश्वास पैदा होगा। आत्मविश्वास के साथ किया हुआ हर कार्य शत प्रतिशत सफल होता है।

मेलजोल बढ़ाएं :-

यह जमाना है सूचना, प्रौद्योगिकी का। जितनी जानकारी, जितनी सूचनाएं आप रखेंगे, उतनी संभावना बढ़ेगी, आपकी सफलता की। यह संभव है, जब आप लोगों से मिलेंगे और अपने ज्ञान का आदान प्रदान करेंगे। सभी तरह की जानकारी पुस्तकों से नहीं मिल सकती। इसलिए लोगों से मिलकर अपने अनुभव का दायरा बढ़ाइए।

परिवार भी है :-

भविष्य निर्माण में इतना भी ना खोएं कि घर परिवार को ही भुला दे। परिवार आपका है, थोड़ा समय इसके लिए भी अवश्य निकालें। इसके अतिरिक्त मनोरंजन के लिए भी समय दें। आपकी राह आसान हो जाएगी। आपका संघर्ष बिल्कुल निजी है, पर इसका प्रभाव दूसरों के उपर ना दे। आप जब एक दूजे के सुख-दुख में शामिल हो गए तो एक आत्मिक सुख का अनुभव करेंगे।

मिलकर काम करें :-

टीम वर्क से किया गया काम अधिक सफल होता है। ईमानदार रहे। कहते हैं झूठ के पांव नहीं होते। अतः आप अपने बारे में सही सही आकलन कर वास्तविकता सामने रखें। कैरियर निर्माण में निष्ठा और ईमानदारी ही आप को ऊंचाई पर पहुंचा सकती है। मिलकर किया हुआ कार्य जल्द ही सफलता की सीढ़ी की ओर ले जाता है।

अधिक महत्वाकांक्षा :-
महत्वाकांक्षा तो हो पर अति नहीं। अधिक महत्वकांक्षा  दुख का कारण है। सभी चीजें समय पर ही मिलती हैं। पहले अनुभव प्राप्त करें। उतनी योग्यता प्राप्त करें, फिर इच्छा करें।

पारंगत बनें :-

कैरियर निर्माण में नई तकनीक की पूछ होती है। इससे पहले कि तकनीक पुरानी हो आप उसमें पारंगत हो जाए और आने वाली नई तकनीक का उपयोग करें। अपने ज्ञान को अपडेट करते रहें। भविष्य सुनहरा उसी का होता है जो स्वयं को समय के अनुरूप ढ़ाल देता है।

दोस्तों... इन बेहतरीन नूस्कों को अपनाकर आप आसानी से आपकी मंजिल पा सकते हैं। हम अपना जीवन आदर्शता के साथ बिता सकते हैं।

राशि के अनुसार करियर का चुनाव Best Career / Job, Based on Your Zodiac Sign

March 09, 2018 2 Comments
जन्म कुंडली  ग्रह नक्षत्र के द्वारा  हम आज जानते हैं  कि हमारे लिए कौन सा करियर उचित होगा। परिश्रम के साथ  अगर जन्मकुंडली की भी जानकारी अगर हो तो हम सही करियर का चुनाव कर सकते हैं। तो चलिए, जानते हैं.... अलग अलग राशि  हमें कौन से करियर की जानकारी देती है....


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राशि के अनुसार करियर का चुनाव
Best Career / Job, Based on Your Zodiac Sign

मेष राशि :-

मेष राशि के व्यक्तिओं में स्वतंत्र निर्णय लेने की क्षमता होती है और वह बहुत ही परिश्रमी और साहसी होते हैं। ऐसे व्यक्ति ज्यादातर खेलकूद, सैनिक, पुलिस विभाग, मशीनरी कार्य धातु से संबंधित काम करते हैं। इनसे संबंधित विज्ञान और तकनीकी कार्यों में भी रुचि रहती है। इसलिए मेष राशि वाले बच्चे के माता-पिता को चाहिए कि उसे इसी तरह की शिक्षा दिलवाए, जिसमें मशीनरी या विज्ञान संबंधित कार्य हो। इस राशि वाले व्यक्ति सुंदर होते हैं, इसलिए इनको कला, चित्रकला, संगीत, नाटक, काव्य में रुची होती है।

वृषभ राशि :-

इस राशि वाले जातक सिद्धांत वादी होते हैं। और उनके कुछ अपने भी सिद्धांत होते हैं। इनमें गजब का आत्मविश्वास होता है। अपने आप पर नियंत्रण रखते  हुए वर्तमान को अपने अनुकूल बना लेते हैं। इनकी रूचि नाच, गाने में होती है। इसलिए इनको करियर का चुनाव करते समय इसका भी ध्यान रखना चाहिए। वृषभ राशि वाले कर्मठ कार्यकर्ता, स्पष्टवादी होते हैं। ऐसे लोग राजनीतिक, सामाजिक क्षेत्र में हिस्सा ले सकते हैं, उन्हें सफलता मिलती है।

मिथुन राशि :-
मिथुन राशि वाले व्यक्ति एक साथ कई विषयों पर विचार करते हुए योजनाएं बना सकते हैं। यही वजह है कि ऐसे जातक एक से अधिक कलाओं में निपुण होते हैं। वे जिस क्षेत्र में जाते हैं, उन्हें सफलता मिलती है। इनमें लेखन कार्य करने की योग्यता होती हैं। अपने देश के हित के लिए काम करते हैं। इस राशि के व्यक्ति को कला, काव्य, चित्रकला, प्रकाशन कार्य, संपादन में सफलता हासिल हो सकती है।

कर्क राशि :- 

 इस राशि वाले व्यक्ति शारीरिक श्रम के अपेक्षा मानसिक श्रम में जादा विश्वास रखते हैं। कला क्षेत्र की गहरी दिलचस्पी रखते हैं। संगीत नृत्य इनका प्रिय विषय होता है। इसलिए करियर का चुनाव करते समय इन विषयों पर विशेष ध्यान दिया जाना आवश्यक है। इस राशि के व्यक्ति शैक्षणिक व राजनीतिक क्षेत्र में सफल होते हैं। इनको व्यावसायिक क्षेत्र में उन्नति मिलती है। लेकिन उन्हें आलोचना का शिकार भी होना पड़ता है। साथ ही कर्क राशि वाले न्याय के लिए प्रसिद्ध होते हैं, इसलिए इन्हें इससे संबंधित अवसर मिल सकता है। कर्क राशि के लोग न्यायाधीश बन सकते हैं। ग्राम पंचायत या खेल के मैदान में रैफरी के रूप में अच्छी सफलता मिलती है।

सिंह राशि :-

सिंह राशि यह बहुत ही प्रभावशाली राशि मानी जाती है। इस राशि के लोग संगीत और नृत्य आदि कलाओं के प्रेमी भी होते हैं। इस राशि के व्यक्ति पुलिस और सेना में भर्ती हो सकते हैं। इस क्षेत्र में उन्हें अच्छी सफलता मिलती है। अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा इस क्षेत्र में उन्हें जल्दी सफलता हासिल हो जाती हैं। सिंह राशि के व्यक्ति शंकालु किस्म के होते हैं,इसलिए यह गुप्तचर विभाग में भी सफल होते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में भी इन्हें अच्छी सफलता मिलती हैं।

कन्या राशि :-

कन्या राशि इस राशि के व्यक्ति रचनात्मक प्रवृत्ति के होते है। क्रिएटिव कार्यों में विशेष रुचि होती हैं। कन्या राशि के जातक सफल मनोवैज्ञानिक भी बन सकते हैं, तथा न्यायप्रिय होते हैं। ये राजनीतिक क्षेत्र में भी जा सकते हैं। मेडिकल फील्ड में भी इन्हें सफलता मिलती है।

तुला राशि :-

तुला राशि इस राशि वाले व्यक्ति अपने जीवन में न्याय और आदर्श को प्राथमिकता देते हैं। साथ ही रचनात्मक  प्रवृत्ति के होते है। अपने मिलनसार स्वभाव से व्यापार में  जल्द ही सफल हो जाते है। प्रबंधन का क्षेत्र इनके लिए अच्छा होता है। इनको संगीत और कला में भी रुचि रहती है। कलात्मकता का असर होने के कारण वे लेखक, कवि, नाटककार आदि भी गुण  देखे जाते हैं।

वृश्चिक राशि :- 

वृश्चिक राशि के लोग बडे ही डैशिंग स्वभाव के होते है। इसलिए राजनीतिक क्षेत्र में सफलता हासिल करते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में इनको काफी सफलता हासिल होती है। ऐसे व्यक्ति प्रोफेसर भी बन सकते हैं। शिक्षण के क्षेत्र में इन को अभूतपूर्व सफलता मिलती है। पत्र-व्यवहार कला में भी इनको महारत हासिल होती है। मकान और कपड़ों की सजावट पर यह विशेष ध्यान देते हैं, इसलिए इनका करियर डेकोरेटर डिजाइनर आदि में भी हो सकता है।

धनु राशि :-

इस राशि के व्यक्ति को राजनीति, कानून, गणित, ज्योतिष आदि विषयों में रुचि होती है। इनको परिश्रम से सफलता हासिल होती है। धनु के प्रभाव से जातक में तेजस्विता का भाव छुपा होता है। ऐसे व्यक्ति राज्य कार्य या सरकारी सेवा में सफलता हासिल करते हैं। इस राशि के व्यक्ति को व्यापार में सफलता मिलती है।

मकर राशि :-

मकर राशि के जातक योजनाएं बनाने में माहिर होते हैं और अच्छी सोच समझ रखते हैं। लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रयासरत रहते हैं और इनमें लाभ हानि दोनों को सहन करने की अद्भुत क्षमता होती हैं। इसलिए ऐसे लोग व्यापारीक क्षेत्र में  सफल हो जाते हैं। मकर राशि के लोगों में संगीत के प्रति विशेष रुचि होती है। इस क्षेत्र में परिश्रम करने से विशेष सफलता हासिल हो सकती है।

कुंभ राशि :-

इस राशि वाले जातक की स्मरणशक्ति अच्छी होती है। ऐसे व्यक्ति लेखन के क्षेत्र में बहुत जल्दी सफलता हासिल कर लेते हैं। संपादक और पत्रकार बन सकते हैं। इनमें साहित्य एवं कला में रूचि के साथ-साथ अच्छे वक्ता का भी गुण होता है।  इन्हें व्यापार के क्षेत्र में  भी सफलता मिलती है।

मीन राशि :- 

इस राशि के व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता अत्यंत तीव्र होती है। विभिन्न शास्त्रीय विषयों का ज्ञान अर्जन कर ऐसे लोग विद्वान के तौर पर प्रतिष्ठा पाते हैं। इनको इतिहास और पुरानी चीजों से बेहद लगाव होता हैं तथा नए तथ्यों के अन्वेषण में भी रुचि होती हैं। इनसे संबंधित करियर इन्हें बेहद पसंद होते हैं। इतिहासकार, प्राध्यापक, जनसंपर्क अधिकारी बन सकते हैं। इनकी गणित में भी रुचि होती हैं। ग्रहों की मजबूत स्थिति रहने पर चार्टर्ड अकाउंटेंट, इनकम टैक्स अधिकारी, योजना आयोग के सदस्य आदि बन सकते हैं।

दोस्तों! आशा है, राशि के अनुसार करियर का चुनाव यह आर्टिकल आपको बहुत मददगार होगा। मेहनत और लगन के साथ अगर हम कोई भी कार्य करें तो सफलता हमारे कदम चूमेगी। साथ ही यह आर्टिकल हमें करियर की सही दिशा देने का काम कर सकता है।


अवश्य पढ़े :- १] पनीर चीज़ पराठा हिंदी रेसिपी 
                      २] प्यार पर बनाई हिंदी कविता 'इंतज़ार'
                      ३] महिला संगीत संध्या हिंदी एंकरिंग 
                      ४] हिंदी कविता 'माँ' 


जानिए... आपकी आंखें क्या कहते हैं What Says Your Eyes About You

February 21, 2018 2 Comments
आंखे बोलती है... दिल की दास्तां बयां करती है। बहुत बार हम आंखों से ही सामने वाले के मन के भाव जान जाते हैं। आंखें हमारी पहचान भी कराती हैं। आंखें कई प्रकार की होती है। आइए, हम आपको अनेक प्रकार की आंखों से रूबरू कराते हैं....



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जानिए... आपकी आंखें क्या कहते हैं

What Says Your Eyes About You


जोशीली आंखें :-

कुछ कर गुजरने की चाहत इन आंखों में छुपी होती है। यह आंखें आत्मविश्वास से भरी हुई होती है। जो अपने मंजिल का रास्ता हमें बता दी है। जोशीली आंखों को देख कर ही पता चलता है कि वह व्यक्ति  कितना आत्मविश्वासी, उत्साही है।

चंचल आंखें :-

चंचल आँखें तो किसी एक जगह पर टिकती ही नहीं। अभी यहां  तो बाद में और कहीं पर। हमेशा किसी ने किसी चीज को पाने का प्रयास यह आंखें करती है। चंचल आंखों के व्यक्ति काफी सक्रिय होते हैं।

मदमस्त आंखें :-

 यह आंखें  मस्ती में झूमते रहती है। किसी के प्यार में  डूबी हुई यह आंखें  उसे पाने की चाहत में रहती है। इसे किसी की जरूरत नहीं रहती, यह बस अपनी ही मस्ती में जीती है।

दर्दभरी आंखें :-

 दर्द भरी आंखें अपनी जिंदगी की दर्दभरी दास्तां बयां करती है। इनकी आंखों में एक दर्द छुपा होता है, जो देखते ही हमें पता चल जाता है। आंखें सुख-दुख के भाव हमें बताती है तो दर्द भी आंखों से कैसे छुप सकता है?

खामोश आंखें :- 

कहते हैं खामोशी भी बहुत कुछ बयां करती है। हमें ये आंखें खामोश दिखती है,  लेकिन  फिर भी इन आंखों को देख कर हमें बहुत कुछ पता चल जाता है। जिंदगी के उतार चढ़ाव देखकर यह आंखें खामोशी की दास्तां बयां करती है।

रूपहली आँखें :-

 ये आंखे खूबसूरती बयां करती है। आत्मविश्वास से लबरेज यह आंखें सुंदरता का प्रतीक है। जिसे अपने रूप पर नाज है। यह आंखें काफी चमकीली नजर आती है।

करिश्माई आंखें :- 

करिश्मा दिखाने का जलवा इन आंखों में छुपा होता है। यह आँखे जिनसे भी टकराती है, उसकी जिंदगी संवर जाती है। ढेर सारे हसीन पल इन आंखों में छुपे होते हैं।

कजरारी आंखें :-  

आंखों में ख्वाबों का काजल समेटे हुए रोजमर्रा की जिंदगी के हर लम्हे को ये आँखें बयां करतीं हैं। अपने सपनों को बोलते हुए नजर आती है।  जल्द ही किसी दिल में ये आंखें बस जाती है।


अचरज भरी :- 

आंखें जिंदगी की तमाम बातें बताती हैं । यह आंखें अचरज भरी निगाहों से हर राज को बयां करती है। यह आंखें  कई सारी  उलझनों को  सुलझा देती हैं।

रोशन आंखें :- 

इन आंखों में हमेशा  कोई ना कोई चमक दिखाई देती है। जिंदगी का मुकाम हासिल करने की  दमक इन आंखों में छुपी होती है। जिंदगी की अंधेरी गलियों में ये हमें रास्ता दिखाती है।

दोस्तों! आंखों की परिभाषा व्यक्त करने वाला यह आर्टिकल आप लोगों को जरूर पसंद आया होगा। अपनी आंखों को जानिए एवं अपने दोस्तों के साथ भी यह रोमांचित करने वाला आर्टिकल जरुर शेयर कीजिए। आप सभी को आंखों के अलग रूप जानकर बड़ा मजा आएगा।


अवश्य पढ़े :-
१] दोस्ती पर हिंदी शेरो शायरी 
२]  प्यार पर हिंदी कविता 
३] संगीत संध्या हिंदी एंकरिंग 
४] मलाई सैंडविच हिंदी रेसिपी  

Colors भी कुछ कहते हैं / रंगों की रंगभरी दुनिया What Your Favorite Colours Says About You

February 02, 2018 1 Comment
मानव के सर्वांगीण विकास में उसका व्यक्तिमत्व एक अहम भूमिका अदा करता है और उसके व्यक्तित्व के विकास में रंगों का अपना अलग महत्व है। यदि किसी व्यक्ति को पहचानना हो, उसके स्वभाव का आकलन करना हो, तो उसके पसंदीदा रंग से हम कुछ अनुमान लगा सकते हैं। तो चलिए जानते हैं रंगों की रंग भरी दुनिया....

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Colors भी कुछ कहते हैं / रंगों की रंगभरी दुनिया

What Your Favorite Colours Says About You

लाल रंग :- 

              अगर आपको लाल रंग पसंद है या लाल रंग के वस्त्र पहनते हैं तो यह मंगल का सूचक है। कुमकुम, गुलाल आदि को मंगलमय माना जाता है इसलिए तिलक करने और पूजन में इनका प्रयोग किया जाता है। ऐसा रंग शौर्य प्रियता का प्रतीक है और विजय होने की प्रेरणा भी देता है। लाल रंग को पसंद करने वाले व्यक्ति जोश से हर कार्य करते हैं।
पीला रंग :-

            पीला रंग ज्ञान, विद्या, सुख-शांतिमय स्वभाव और विद्वता का प्रतीक है। पीला रंग पसंद करने वाले व्यक्ति काफी विनम्र होते हैं। सौम्यता, शांतता उनके स्वभाव का गुण है। लोगों की मदद करने में सदा अग्रसर रहते हैं।

हरा रंग :- 


                  अगर आप हरा रंग पसंद करते हैं या हरी भरी प्रकृति को पसंद करते हैं तो आप सुंदरताप्रिय हैं। हरे रंग को  पसंद करनेवाले व्यक्ति  शांत स्वभाव के होते हैं। जीवन के उतार चढ़ाव को वे सहजता से  स्वीकार कर लेते हैं। मन की शीतलता के धनी होते हैं। हर समय चुस्त रहते हैं।

नीला रंग :-

                    अगर किसी को आसमानी नीला रंग पसंद है तो इससे सिद्ध होता है कि उसके जीवन में काफी व्यापकता है। नीला रंग पसंद करने वाले व्यक्ति में धैर्य, सत्य और धर्मरक्षण की वृत्ति दृढ़ होती है। ये काफी खुले विचारों के व्यक्ति होते हैं एवं जीवन के प्रति उनका बहुत ही आशावादी दृष्टिकोण होता है।


 भगवा रंग :- 

                 भगवा रंग को  पसंद करने वाले  व्यक्ति संयम प्रिय होते है। अपने कार्य में सदा सक्रिय रहते है। ऐसे व्यक्ति स्वच्छता पसंद करते है और उनके स्वभाव में सज्जनता का गुण प्रबल होता है।


गुलाबी रंग :-
                    इस रंग को पसंद करने वाले लोग प्यार के दीवाने होते हैं। सच्चे एवं इमानदार जीवनसाथी साबित होते हैं। यह काफी भावुक होते हैं। जल्दी किसी पर भी भरोसा कर लेते हैं, इसलिए कभी-कभी इन्हें धोखा भी खाना पड़ता है। ये काफी शौकीन मिजाज के होते हैं।

 
श्वेत रंग :-

                 इसमें सब रंगों का आंशिक समावेश पाया जाता है। यह रंग पवित्रता, शुद्धता, शांतिप्रियता और विद्या प्रियता का प्रतीक है। इस रंग को पसंद करने वाले व्यक्ति शांत स्वभाव के होते हैं एवं विद्या में पारंगत होते हैं।

 
काला रंग :-

                  काला रंग को पसंद करने वाले व्यक्ति जिद्दी स्वभाव के होते हैं। अगर एक बार किसी बात को ठान ले तो उसे पूरा करते ही हैं। रूढ़िवादी के साथ ही अपने विचारों के पक्के होते हैं।


दोस्तों,  कैसी लगी यह रंगों की रंगभरी दुनिया?  इन रंगों के माध्यम से आप अपने बारे में एवं दूसरों के बारे में भी जान सकते हैं। अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो अपने दोस्तों के साथ शेयर करके कमेंट देना ना भूलें।

अवश्य पढ़े :-  १] हस्ताक्षर से जानिए अपना व्यक्तिमत्व 
                      २] दोस्ती पर हिंदी शेरो शायरी 
                      ३] परिवार में सकारात्मक वातावरण का निर्माण कैसे करे?
 

हस्ताक्षर से जानिए अपना स्वभाव... सिग्नेचर बताएगी आपका नेचर.. Human Nature According To Your Signature

February 01, 2018 13 Comments
सिग्नेचर व्यक्ति के व्यक्तित्व का आईना होता है।  व्यक्ति के सिग्नेचर से हम उसके व्यक्तित्व की काफी सारी बातें जान सकते हैं। सिग्नेचर एक दर्पण है, जिसमें व्यक्तिमत्व की परछाई झलकती है। तो चलिए, जानते हैं हमारी सिग्नेचर हमें क्या कहती हैं ?

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हस्ताक्षर से जानिए अपना स्वभाव / सिग्नेचर बताएगी आपका नेचर

Human Nature According To Your Signature

  •  जो व्यक्ति अपने सिग्नेचर का पहला शब्द काफी बड़ा रखता है, वह व्यक्ति विलक्षण प्रतिभा का धनी होता हैं। समाज में काफी लोकप्रिय उच्च पद प्राप्त करने वाला होता है।

  •  सिग्नेचर में पहला शब्द बड़ा व बाकी के शब्द सुंदर और छोटे आकार में होते हैं, ऐसा व्यक्ति धीरे-धीरे उच्च पद प्राप्त करते हुए सर्वोच्च स्थान पाता है। ऐसा व्यक्ति जीवन में पैसा बहुत कमाता है। वह अपने कुल का काफी नाम ऊंचा करता है।

  •  जो व्यक्ति अपने सिग्नेचर इस प्रकार से लिखता है जो काफी अस्पष्ट होते हैं तथा जल्दी-जल्दी लिखा गया हो, वह व्यक्ति जीवन को सामान्य रूप से नहीं जी पाता। वह हर समय ऊंचाई पर पहुंचने की ललक लिए रहता है। इस प्रकार का व्यक्ति राजनीतिज्ञ, अपराधी, या फिर बहुत बड़ा व्यापारी बनता है। इनका वैवाहिक जीवन सामान्य रहता है। वह धोखा दे सकता हैं, पर धोखा खाता नहीं है।

  •   जो व्यक्ति अपने सिग्नेचर के नीचे दो लाइने खींचता है, वह व्यक्ति भावुक होता है। पूरी  शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाता। मानसिक रुप से कमजोर होता है।

  •  जो व्यक्ति अपने सिग्नेचर कि शब्दों को काफी घुमाकर सजाकर प्रदर्शित करता है, वह व्यक्ति किसी न किसी हूनर का मालिक अवश्य होता है। वह कलाकार, गायक, पेंटर, व्यंगकार व अपराधी होता है। ऐसे व्यक्तियों का जीवन उत्तरार्ध में अच्छा होता है।

  • अपने सिग्नेचर के नाम का पहला अक्षर सांकेतिक रूप से तथा उपनाम पूरा लिखता है तथा हस्ताक्षर के नीचे बिंदु लगाता है, ऐसा व्यक्ति भाग्य का धनी होता है। वह समाज में सम्मान प्राप्त करता है। ईश्वरवादी होने के कारण इन्हें किसी भी प्रकार की लालसा नहीं सताती है। इसके फलस्वरूप जो भी चाहता है, उसे भी प्राप्त हो जाता है। वैवाहिक जीवन सुखी व संतान सुख प्राप्त होता है।

  • जो व्यक्ति अपने सिग्नेचर के अंतिम शब्द के नीचे बिंदु रखता है, ऐसा व्यक्ति जिस क्षेत्र में जाता है काफी प्रसिद्धि प्राप्त करता है और ऐसे व्यक्ति से बड़े-बड़े लोग सहयोग लेने के लिए उत्सुक रहते हैं।

  • जो व्यक्ति अपने सिग्नेचर स्पष्ट लिखते हैं तथा हस्ताक्षर के अंतिम शब्द की लाइन या मात्रा को इस प्रकार खींच देते हैं जो ऊपर की तरफ जाती हुई दिखाई देती है,  ऐसे व्यक्ति लेखक, शिक्षक, विद्वान बनते है। दिल के बहुत साफ होते हैं। हर एक के साथ सहयोग करने के लिए तैयार रहते हैं। मिलनसार, मृदुभाषी, समाजसेवक, परोपकारी होते हैं। कभी किसी का बुरा नहीं सोचते हैं। सामने वाला व्यक्ति कैसा भी क्यों ना हो? जीवन के उत्तरार्ध मैं आपको काफी पूर्ण सम्मान प्राप्त होता है। जीवन में इच्छाएं सीमित होने के कारण इन्हें जो भी धर्म प्रतिष्ठा प्राप्त होती है, उसमें वह काफी संतुष्ट रहते हैं।

दोस्तों! हम जो सोचते हैं, करते हैं, जो व्यवहार में लाते हैं, वह सब कागज पर अपनी लिखावट हस्ताक्षर के द्वारा प्रदर्शित करते हैं। हस्ताक्षर के अध्ययन से व्यक्ति अपने व्यक्तित्व के बारे में जानकारी कर सकते हैं। हस्ताक्षर में दिखाई देने वाली कमियों को दूर करते हुए अपने हस्ताक्षर के साथ अपना भविष्य बदल सकते हैं।  ऐसा मैंने कहीं सुना था, जो आपके साथ शेयर किया। आशा है, आपको यह बातें जानने में बड़ा मजा आया होगा।

अवश्य पढ़े :- १] कैसे पढाई में  लगाए ?
                    २] जन्मदिन पर हिंदी शेरो शायरी 
                    ३] संगीत संध्या या शादी पर हिंदी कॉमेडी गीत

कैसे पढ़ाई में मन लगाए? How to Concentrate on Study?

December 27, 2017 2 Comments
पढ़ाई में मन लगाने का बहुत ही आसान तरीका  मैं आज आपसे शेयर करना चाहती हूं। नीचे दी गई हुई जो भी बातें रोज आप पढ़े, मन लगाकर चिंतन करे। तो अपने आप सब बातें आपके साथ घटित होती जाएंगी। आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा  एवं आप का पढ़ाई में मन लगने लगेगा। इन बातों को अपनाने के लिए दूसरों को भी जरूर प्रेरित करें।

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कैसे पढ़ाई में मन लगाए?

How to Concentrate on Study?


◆ मैं  मन लगाकर पढ़ाई कर रही हूं।
 
◆ मुझे याद रहता है।मेरी याददाश्त बढ़ने लगी है।

◆ मुझे मेरे पढ़ाई के लिए पूरा समय मिलता है।

◆ मैंने जो याद किया वह सब सही समय पर मुझे याद आता है।

◆ मेरे शिक्षक ने समझाया हुआ मुझे समझ में आता हैं।

◆ जब मुझे जरुरत होती है, तब मुझे सब अपने आप याद आता है।

◆ एग्जाम के समय मैंने जो भी याद किया,  मुझे बराबर याद आता है।
◆ एग्जाम का समय मेरे लिए पर्याप्त होता है।

◆ मैंने 3 घंटे में पेपर पूरा कंप्लीट कर लिया है।

◆ मैं अच्छे मार्क्स से पास हो गई हूं।


मुझे पूरा यकीन है इन बातों को अगर आप रोज दोहराएंगे तो एक सकारात्मक वातावरण आपके पास निर्माण होगा। इसका चार्ट बनाकर घर की दीवारों पर जरूर लगाए।  रोज पढ़ाई करने के पूर्व इन बातों को पूरे आत्मविश्वास और श्रद्धा के साथ जरूर दोहराएं।


अवश्य पढ़े :- १] महिला संगीत संध्या पर हिंदी नाटिका
                     २] ज़िंदगी पर हिंदी कविता
                     ३] प्रेरणादाई हिंदी शेरो शायरी 
                     ४] ज़िंदगी कैसे और भी खूबसूरती से जिए ?