आधुनिक युग में बढ़ते अपराधों की श्रृंखला
में एक भयंकर अपराध है-कन्या भ्रूणहत्या। इसका मुख्य कारण है इच्छित संतान
की कामना। अजन्मे शिशु का लिंग परीक्षण कर मनचाही संतान से मुक्ति पाना, नई
पिढी के लिए सरल और सुगम हो गया है। अधिकांश माता-पिता परीक्षण केंद्र में
इसलिए जाते हैं कि पता चले कि होने वाला बच्चा लड़का है या लड़की और कन्या
का पता चलते ही तत्काल भ्रूण हत्या के लिए तैयार हो जाते हैं। लेकिन इस
भ्रूण हत्या को रोकने के लिए हमारे पास क्या-क्या उपाय हैं। उसके बारे में
हम जानने की कोशिश करते हैं। भ्रूण हत्या को अगर ना रोका गया तो हमारे समाज
का संतुलन बिगड़ जाएगा। हमारे समाज की दयनीय अवस्था हो जाएगी। और उसके
भुगतान हमें भुगतना पड़ेंगा। इसलिए अगर हम अभी संभल गए तो हमारा जीवन में
सुरक्षित हो जाएगा। तो चलिए, जानते है, कन्या भ्रूण हत्या रोकने के उपाय ....
समान दृष्टि :-
लड़का और लड़की को समान दृष्टि से देखें। इनमें कोई भेदभाव की सीमा ना हो। आज तो परिस्थिति बदल गई है। लड़कियां भी हर क्षेत्र में लड़कों के साथ कदम बढ़ा रही है। दोनों भी अपने माता-पिता की जिम्मेदारी लेने में सक्षम है। लड़का लड़की दोनों को समान दृष्टि से देखने से कन्या भ्रूण हत्या में कुछ कमी आ सकती है।
लड़की के जन्म का करें स्वागत :-
लड़की के जन्म होने पर भी वैसी ही बधाई देना जैसे एक लड़के के जन्मदिन पर दी जाती है। लड़की तो घर की रौनक होती है। उसके आने से घर में खुशियां चहक जाती है। लड़की होने पर भी उसका इतना जोरदार स्वागत करें कि बाकी लोगों को प्रेरणा मिले। और वे भी लड़की का स्वागत हर्षोल्लास के साथ करें।
नारी समझे नारी का महत्व :-
नारी नारी के महत्व को समझें। अगर नारी नारी के महत्व को समझने लगेगी तो भ्रूण हत्या पर रोक पा सकते हैं। अगर नारी ही नारी को महत्व को नहीं समझेगी तो हम इस पुरुष प्रधान लोगों से क्या अपेक्षा कर सकते हैं। हमें ही कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए प्रयास करने पड़ेंगे। तभी पुरुषों के कदम भी भ्रूण हत्या रोकने के लिए बढ़ सकते हैं। क्योंकि नारी में बहुत शक्ति होती है, अगर वह एक बार ठान ले तो कोई भी बात का अवलंबन करना उसके लिए कठिन नहीं है।
दहेज प्रथा पर रोक :-
दहेज प्रथा पर रोक लगाएं। दुल्हन स्वयं एक दहेज है। दहेज जैसी कुप्रथा को को हमें रोकना पड़ेगा। तभी हमारे समाज की, देश की उन्नति होगी। न जाने इस दहेज के कारण कितने ही माता-पिता की लड़की बिछड़ जाती है। उनको अपनी जान गवानी पड़ती है। दहेज एक सामाजिक अपराध है। जिसे लोग बहुत ही सहजता से करते हैं। दहेज प्रथा को रोकने के लिए काफी कानून बनाए हैं। इन सभी का उपयोग करके दहेज प्रथा पर रोक लगाना बहुत ही जरूरी है।
लिंग परीक्षण ना करवाएं :-
लिंग परीक्षण करवाएं ही नहीं, धैर्य रखना चाहिए। जो आए उसका स्वागत करें। समादर करें। लड़का और लड़की एक ही गुलशन के दो फूल है। उन्हीं के कारण तो हमारी जिंदगी महक उठती है। लड़का और लड़की में कोई फर्क ना करें। जिस तरह पुत्र का स्वागत होता है, उसी तरह पुत्री के जन्म होने पर भी ऐसी ही खुशियां मनाएं।
सामाजिक सुरक्षा :-
कन्याओं को सामाजिक सुरक्षा मिलनी चाहिए। बहुत से माता पिता इसलिए भी लड़की के जन्म से कतराते हैं क्योंकि उन्हें लगता है लड़की को पालना बहुत ही कठिन काम है। आज बलात्कार, यौन शोषण आदि समस्याओं से लड़कियों को जूझना पड़ता है। इसलिए वह लड़की को जन्म नहीं देना चाहते। सरकार ने कन्याओं के लिए अलग-अलग कानून बनाए हैं, बस अब हमें उन्हें अमल में लाना है। लड़कियों को ज्यादा से ज्यादा सामाजिक सुरक्षा कैसे मिले, इस और हमें कदम उठाने चाहिए। तभी हमारी बेटियां सुरक्षित एवं आत्मविश्वास के साथ अपनी जिंदगी जी सकती हैं।
शिक्षण-प्रशिक्षण :-
स्वावलंबी जीवन हेतु प्रतिभाशाली बालिकाओं के शिक्षण प्रशिक्षण में भेदभाव ना करें। अगर हम इक्कीसवीं सदी की बात करें तो आज हर क्षेत्र में लड़कियां अपनी कामयाबी का शिखर छू रही है। उन्हें भी अपने हुनर को विकसित करने का मौका मिला तो उनके लिए कोई भी काम करना मुश्किल नहीं हैं। बालिकाओं के लिए अलग-अलग शिक्षण प्रशिक्षण उपलब्ध करने चाहिए। ताकि शैक्षणिक क्षेत्र के साथ सामाजिक क्षेत्र में भी वह अव्वल रहे।
कानून का हो पालन :-
भ्रूण हत्या विरोधी कानून का सही ढंग से पालन होना चाहिये। भ्रूण हत्या के विरुद्ध हमारे सरकार में कई सारे कानून बनाए हैं। बस उसे अमल में लाना है। लोग उसे अमल में नहीं लाते, कोर्ट कचहरी के काम करने के लिए वह कतराते हैं। लेकिन हमें हमारे न्याय के लिए लढ़ना आना चाहिए। कानून हमारे लिए बने हैं, उन्हें समझे और उनका पालन करें।
दोस्तों! आशा है, कन्या भ्रूण हत्या पर बनाए हुए यह उपाय हम जरूर अमल में लाएंगे। ताकि हमारा देश, समाज सुरक्षित रहें। एक मासूम को मार कर हमारे जीवन में कभी हमें सुख की प्राप्ति नहीं होंगी। कन्या भ्रूण हत्या को रोकें और जीवन सुदृढ़ बनाएं।
कन्या भ्रूण हत्या रोकने के उपाय
Effective Measures to Control Female Foeticide
समान दृष्टि :-
लड़का और लड़की को समान दृष्टि से देखें। इनमें कोई भेदभाव की सीमा ना हो। आज तो परिस्थिति बदल गई है। लड़कियां भी हर क्षेत्र में लड़कों के साथ कदम बढ़ा रही है। दोनों भी अपने माता-पिता की जिम्मेदारी लेने में सक्षम है। लड़का लड़की दोनों को समान दृष्टि से देखने से कन्या भ्रूण हत्या में कुछ कमी आ सकती है।
लड़की के जन्म का करें स्वागत :-
लड़की के जन्म होने पर भी वैसी ही बधाई देना जैसे एक लड़के के जन्मदिन पर दी जाती है। लड़की तो घर की रौनक होती है। उसके आने से घर में खुशियां चहक जाती है। लड़की होने पर भी उसका इतना जोरदार स्वागत करें कि बाकी लोगों को प्रेरणा मिले। और वे भी लड़की का स्वागत हर्षोल्लास के साथ करें।
नारी समझे नारी का महत्व :-
नारी नारी के महत्व को समझें। अगर नारी नारी के महत्व को समझने लगेगी तो भ्रूण हत्या पर रोक पा सकते हैं। अगर नारी ही नारी को महत्व को नहीं समझेगी तो हम इस पुरुष प्रधान लोगों से क्या अपेक्षा कर सकते हैं। हमें ही कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए प्रयास करने पड़ेंगे। तभी पुरुषों के कदम भी भ्रूण हत्या रोकने के लिए बढ़ सकते हैं। क्योंकि नारी में बहुत शक्ति होती है, अगर वह एक बार ठान ले तो कोई भी बात का अवलंबन करना उसके लिए कठिन नहीं है।
दहेज प्रथा पर रोक :-
दहेज प्रथा पर रोक लगाएं। दुल्हन स्वयं एक दहेज है। दहेज जैसी कुप्रथा को को हमें रोकना पड़ेगा। तभी हमारे समाज की, देश की उन्नति होगी। न जाने इस दहेज के कारण कितने ही माता-पिता की लड़की बिछड़ जाती है। उनको अपनी जान गवानी पड़ती है। दहेज एक सामाजिक अपराध है। जिसे लोग बहुत ही सहजता से करते हैं। दहेज प्रथा को रोकने के लिए काफी कानून बनाए हैं। इन सभी का उपयोग करके दहेज प्रथा पर रोक लगाना बहुत ही जरूरी है।
लिंग परीक्षण ना करवाएं :-
लिंग परीक्षण करवाएं ही नहीं, धैर्य रखना चाहिए। जो आए उसका स्वागत करें। समादर करें। लड़का और लड़की एक ही गुलशन के दो फूल है। उन्हीं के कारण तो हमारी जिंदगी महक उठती है। लड़का और लड़की में कोई फर्क ना करें। जिस तरह पुत्र का स्वागत होता है, उसी तरह पुत्री के जन्म होने पर भी ऐसी ही खुशियां मनाएं।
सामाजिक सुरक्षा :-
कन्याओं को सामाजिक सुरक्षा मिलनी चाहिए। बहुत से माता पिता इसलिए भी लड़की के जन्म से कतराते हैं क्योंकि उन्हें लगता है लड़की को पालना बहुत ही कठिन काम है। आज बलात्कार, यौन शोषण आदि समस्याओं से लड़कियों को जूझना पड़ता है। इसलिए वह लड़की को जन्म नहीं देना चाहते। सरकार ने कन्याओं के लिए अलग-अलग कानून बनाए हैं, बस अब हमें उन्हें अमल में लाना है। लड़कियों को ज्यादा से ज्यादा सामाजिक सुरक्षा कैसे मिले, इस और हमें कदम उठाने चाहिए। तभी हमारी बेटियां सुरक्षित एवं आत्मविश्वास के साथ अपनी जिंदगी जी सकती हैं।
शिक्षण-प्रशिक्षण :-
स्वावलंबी जीवन हेतु प्रतिभाशाली बालिकाओं के शिक्षण प्रशिक्षण में भेदभाव ना करें। अगर हम इक्कीसवीं सदी की बात करें तो आज हर क्षेत्र में लड़कियां अपनी कामयाबी का शिखर छू रही है। उन्हें भी अपने हुनर को विकसित करने का मौका मिला तो उनके लिए कोई भी काम करना मुश्किल नहीं हैं। बालिकाओं के लिए अलग-अलग शिक्षण प्रशिक्षण उपलब्ध करने चाहिए। ताकि शैक्षणिक क्षेत्र के साथ सामाजिक क्षेत्र में भी वह अव्वल रहे।
कानून का हो पालन :-
भ्रूण हत्या विरोधी कानून का सही ढंग से पालन होना चाहिये। भ्रूण हत्या के विरुद्ध हमारे सरकार में कई सारे कानून बनाए हैं। बस उसे अमल में लाना है। लोग उसे अमल में नहीं लाते, कोर्ट कचहरी के काम करने के लिए वह कतराते हैं। लेकिन हमें हमारे न्याय के लिए लढ़ना आना चाहिए। कानून हमारे लिए बने हैं, उन्हें समझे और उनका पालन करें।
दोस्तों! आशा है, कन्या भ्रूण हत्या पर बनाए हुए यह उपाय हम जरूर अमल में लाएंगे। ताकि हमारा देश, समाज सुरक्षित रहें। एक मासूम को मार कर हमारे जीवन में कभी हमें सुख की प्राप्ति नहीं होंगी। कन्या भ्रूण हत्या को रोकें और जीवन सुदृढ़ बनाएं।
ये भी पढ़े :-कन्या भ्रूण हत्या पर निबंध / स्पीच
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ReplyDeleteare pleasant for new viewers.
Thanks...
DeleteNice
ReplyDeleteThanx
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