भारत
धर्म प्रधान देश है। जहां सदाचार की गंगा बहती है। जहां रहते हैं सत्य और
सादगी में जीने वाले लोग, अंधकार से प्रकाश में जीने वाले लोग, अहिंसा के
प्रति आस्था रखने वाले लोग। ऐसे में एक भ्रूण की हत्या करने का पाप हम कैसे
कर रहे हैं? आज भ्रूण हत्या पर रोक करने के लिए सरकार भी कई योजनाएं अमल
में ला रही है। फिर भी यह पाप करने में लोग आज भी कतराते नहीं है। भ्रूण
हत्या पर बनाई हुई कुछ शेरो शायरियां आप सभी के साथ शेयर कर रही हूँ...
कन्या भ्रूण हत्या पर हिंदी शेरो शायरी
Shero Shayari on Female Foeticide
1) संतान को धर्म के संस्कारों में डालने वाली मां होती है
नादानी में होने
वाले भूलों को टालने वाली मां होती है
गर्भ में पल रहे भ्रूण की हत्यारिन
को मां कैसे कह दें
खुद भूखे रहकर औलाद को पालने वाली मां होती है।
2) गर्भस्थ बेटी मां से यही पुकार करती है
हे मां ! मेरे प्राण बेवजह क्यों हरती है
यदि मेरी मौत से तेरी दुनिया आबाद रहे
तो यह बेटी दुआओं से तेरा दामन भरती है।
अवश्य पढ़े :- कन्या भ्रूण हत्या पर हिंदी कविता
3) कोख में पल रहे भ्रूण से आज क्यों है दूरी
बेटी के जन्म का अधिकार छीनने की कैसी है मजबूरी
2) गर्भस्थ बेटी मां से यही पुकार करती है
हे मां ! मेरे प्राण बेवजह क्यों हरती है
यदि मेरी मौत से तेरी दुनिया आबाद रहे
तो यह बेटी दुआओं से तेरा दामन भरती है।
अवश्य पढ़े :- कन्या भ्रूण हत्या पर हिंदी कविता
3) कोख में पल रहे भ्रूण से आज क्यों है दूरी
बेटी के जन्म का अधिकार छीनने की कैसी है मजबूरी
बेटियां इसी तरह मरती रही तो याद रखना
बहू के संग बेटे की गृहस्थी बसाने की हसरत रहेंगी अधूरी।
4) क्यों भ्रूण हत्या का चक्कर सिर पर मंडरा रहा है
बहू के संग बेटे की गृहस्थी बसाने की हसरत रहेंगी अधूरी।
4) क्यों भ्रूण हत्या का चक्कर सिर पर मंडरा रहा है
नारियां ही नारी की क्यों दुश्मन बन रही है
एक दूजे से यह वादा करते हैं हम अभी
भ्रूण हत्या में अपना योगदान देंगे नहीं कभी
अगर हमारे मां-बाप में भी भ्रूण हत्या की होती
तो हमारे जीवन की ज्योत कब की बुझ गई होती।
5) भ्रूण हत्या से बढ़कर कोई पाप नहीं होता
हैवान को अपने किए पर पश्चाताप नहीं होता
बेबस मां को कोख उजाड़ने पर मजबूर कर दे
ऐसा निर्दयी असल में इंसान नहीं होता।
अवश्य पढ़े :- कन्या भ्रूण हत्या रोकने के उपाय
6) अब भी संभल जाओ, भ्रूण हत्या ना करो
आत्महत्या का, त्याग तुम करो
निर्दोष प्राणी को कभी मत मारो
कभी मत मारो, भ्रृण जीवन तारों।
7) मत मारो बिटिया को, घर कैसे बनाओगे
नहीं संभले तो एक दिन पछताओगे
बेटी है कुल की शान बेटी है घर का मान
बेटा बेटी है समान, कन्या है एक वरदान।
8) उठो बहनों यह प्रण लो, यह पाप नहीं होने देंगे
एक नन्ही सुगंधित कली को यूंही नहीं सोने देंगे।
9) मां मोमसा कोमल मन तेरा, कैसे पत्थर का हो गया
एक दूजे से यह वादा करते हैं हम अभी
भ्रूण हत्या में अपना योगदान देंगे नहीं कभी
अगर हमारे मां-बाप में भी भ्रूण हत्या की होती
तो हमारे जीवन की ज्योत कब की बुझ गई होती।
5) भ्रूण हत्या से बढ़कर कोई पाप नहीं होता
हैवान को अपने किए पर पश्चाताप नहीं होता
बेबस मां को कोख उजाड़ने पर मजबूर कर दे
ऐसा निर्दयी असल में इंसान नहीं होता।
अवश्य पढ़े :- कन्या भ्रूण हत्या रोकने के उपाय
6) अब भी संभल जाओ, भ्रूण हत्या ना करो
आत्महत्या का, त्याग तुम करो
निर्दोष प्राणी को कभी मत मारो
कभी मत मारो, भ्रृण जीवन तारों।
7) मत मारो बिटिया को, घर कैसे बनाओगे
नहीं संभले तो एक दिन पछताओगे
बेटी है कुल की शान बेटी है घर का मान
बेटा बेटी है समान, कन्या है एक वरदान।
8) उठो बहनों यह प्रण लो, यह पाप नहीं होने देंगे
एक नन्ही सुगंधित कली को यूंही नहीं सोने देंगे।
9) मां मोमसा कोमल मन तेरा, कैसे पत्थर का हो गया
अभी तेरे गर्भ में आई ही
थी, कैसे वध मेरा हो गया
जिसे तूने अपने खून से सींचा, क्या मैं वह क्यारी
ना थी
होगी सभी को बेटे की आस, पर क्या मैं तुझको प्यारी ना थी।
अवश्य पढ़े :- कन्या भ्रूण हत्या पर घोषवाक्य
10) अगर हीरा है बेटा तो मोती है बेटी
एक कुल रोशन करेगा बेटा,
होगी सभी को बेटे की आस, पर क्या मैं तुझको प्यारी ना थी।
अवश्य पढ़े :- कन्या भ्रूण हत्या पर घोषवाक्य
10) अगर हीरा है बेटा तो मोती है बेटी
एक कुल रोशन करेगा बेटा,
पर दो कुलों की लाज रखती है बेटी।
11) यह दुनिया अगर गुलशन है तो नारी उसकी माली है
11) यह दुनिया अगर गुलशन है तो नारी उसकी माली है
वह झुक झुक जाए तो सीता है उठ जाए चंडी काली है।
12) भारत माता के वतन में देखो कैसी नादानी
कन्या भ्रूण की हत्या युगों की क्रूर कहानी।
13) बेटे से क्यों मोह है इतना, मुझसे मां क्यों इतना डर
12) भारत माता के वतन में देखो कैसी नादानी
कन्या भ्रूण की हत्या युगों की क्रूर कहानी।
13) बेटे से क्यों मोह है इतना, मुझसे मां क्यों इतना डर
अपना लूंगी मैं भी तो मां, तेरे सारे दुख और दर्द!
14) मानो ना मानो यह हकीकत है
भ्रूण हत्या रोकने की समाज को सबसे अधिक जरूरत है।
अवश्य पढ़े :- कन्या भ्रूण हत्या के कारण
15) कोई नहीं एक दूसरे से कम
हीरा अगर बेटा है तो बेटी नहीं मोती से कम ।
16) बेटा तब तक हैं बेटा, जब तक ना बन जाता वर
बेटी सदगुण की पेटी, बेटी रहती जीवन भर
ममता का गला घोट क्यों, बेटे पर मां दीवानी
घटती संख्या नारी की है आज चुनौती भारी।
17) मां चाहे मुझे प्यार ना देना, चाहे मुझे दुलार ना देना
14) मानो ना मानो यह हकीकत है
भ्रूण हत्या रोकने की समाज को सबसे अधिक जरूरत है।
अवश्य पढ़े :- कन्या भ्रूण हत्या के कारण
15) कोई नहीं एक दूसरे से कम
हीरा अगर बेटा है तो बेटी नहीं मोती से कम ।
16) बेटा तब तक हैं बेटा, जब तक ना बन जाता वर
बेटी सदगुण की पेटी, बेटी रहती जीवन भर
ममता का गला घोट क्यों, बेटे पर मां दीवानी
घटती संख्या नारी की है आज चुनौती भारी।
17) मां चाहे मुझे प्यार ना देना, चाहे मुझे दुलार ना देना
कर सको तो इतना करना जन्म से पहले मार ना देना।
18) आज नारी अपने ही अस्तित्व को नकार रही है
18) आज नारी अपने ही अस्तित्व को नकार रही है
अभिशाप है बेटिया धरती पर पुकार रही है
हद से गुजर कर शर्मसार हो गई है मां की ममता
जन्म से पहले ही मासूम को कोख में मार रही है।
दोस्तों! आशा है, भ्रूण हत्या पर बनी हुई हिंदी शेरो शायरी आप सभी को बेहद पसंद आई होगी। आप इसे जादा से जादा लोगों तक पहुंचा कर, भ्रूण हत्या पर रोक पाने के लिए लोगों को जागृत करें। ताकि भ्रूण हत्या जैसे क्रूर पाप से हम दूर हो जाए और हमारा जीवन बेटी की किलकारी से खिल जाए।
हद से गुजर कर शर्मसार हो गई है मां की ममता
जन्म से पहले ही मासूम को कोख में मार रही है।
दोस्तों! आशा है, भ्रूण हत्या पर बनी हुई हिंदी शेरो शायरी आप सभी को बेहद पसंद आई होगी। आप इसे जादा से जादा लोगों तक पहुंचा कर, भ्रूण हत्या पर रोक पाने के लिए लोगों को जागृत करें। ताकि भ्रूण हत्या जैसे क्रूर पाप से हम दूर हो जाए और हमारा जीवन बेटी की किलकारी से खिल जाए।
ये भी पढ़े :कन्या भ्रूण हत्या पर निबंध / स्पीच
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