जैन शेरो शायरी Jain Shero Shayri

December 07, 2017
जय जिनेंद्र ! मेरे सभी साधर्मी भाई बहनों के लिए जैन शेरो शायरी का यह कलेक्शन बनाया है। आप जैन स्पिच मे, व्याख्यान मे या किसी भी जैन धार्मिक कार्यक्रम में इन जैन शेरो शायरी का यूज कर सकते हैं। तो चलिये, देखते हैं एक से बढकर एक जैन शेरो शायरी...

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जैन शेरो शायरी

Jain Shero Shayri

1) जगत में जीव जितने हैं ,किसी को अन्य मत लेखो 
            सभी को प्राण प्यारे है, किसी पर जाल मत फेको
  महावीर स्वामी की  अहिंसा यह बताती है ,

          अगर किसी को कुछ दे नहीं सकते,तो केवल प्यार से देखो ।
 
2) दीप के जलने में पतंगे का अरमान छुपा होता है
            भक्त की लगन में भगवान का वरदान छुपा होता है
    ऐ दुनिया के समझदारों, इतना तो समझ लो
            इंसान के दिल में कोई ना कोई भगवान छुपा होता है।


   
3) रिमझिम बरसात में मोती पिरोता है कोई
           नर जन्म को पाकर सफल बनता है कोई
यूं तो रोज आते हैं चले जाते हैं
           लेकिन धर्म के प्रति समर्पित होता है कोई।


4) नर के सहारे नीर मिलता है
           धागों के सहारे चीर बनता है
बात पते की यही है दोस्तों
           कर्मों के काटने से महावीर बनता है।

 
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5) भूत काल का उपयोग इतना ही है कि उससे सीख
        लेकर वर्तमान को सुधार देना और भविष्य को उज्जव्ल बना देना।

 
6) सामायिक कहती है:-
        मेरा नाम समता करनी होगी मेरी ममता ।
  जिसमें होगी आत्मपरायणता,
       उसकी मिट जाएगी भव-भ्रमणता।

 
7) पाप कर्म करने वाला बेहाल हो जाता है।
         पापकर्म छोड़ने वाला निहाल हो जाता है।


8) करनी तेरी तुझे भोगनी ज्ञानी समझावे बार-बार
       नहीं बाटेंगा  कोई कर्म तेरा मित्र हो या रिश्तेदार।


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9) श्वास श्वास में प्रभु भजो, व्यथा श्वास मत खोय!
           ना जाने इस श्वास का, आना हो या ना होय!!


10 ] आप में जब तक की कोई आप को पाता नहीं
            मोक्ष के मंजिल तलक, हरगिज़ कदम जाता नहीं।


11 ] जरा सामायिक कर ले रे बंदे
                 जिंदगी का एक यही राज है
     यो मिल ना सकेगा परमात्मा
                 मेरी आत्मा की ये आवाज है।

 
12 ] अपनी पीड़ा के लिए क्यों व्यर्थ
                          दूसरों को फंसाता है
       मत भूल कर्म ही तुझे हंसाता है
                          कर्म ही तुझे रुलाता है।


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  13 ] हम नहीं कहते आप अपनी परंपरा छोड़ दो
              हम नहीं कहते हैं आप अपने संबंधी छोड़ दो
       जब तक आत्मा की मुक्ति का प्रश्न है
           हम चाहते हैं आप अपने संबंध सत्संग से जोड दो।

 
14 ] गाली सुणता गुण घना, देता लोग दोष
             देवन वाला ने नरक मिले लेवण वाला ने मोक्ष।

15 ] मानवता है हमारा धर्म परोपकार हमारा कर्म
              अरिहंत हमारे माता पिता गुरु हमारे भाग्य विधाता

      ज्ञान हमारे हर सांस में, विश्वास हमारे अहिंसा में
             सत्य हमारा आभूषण है, त्यागमय हमारा जीवन है 

      दया और दान हमारे दो नैन, कर्म से ही बनता है बंधु मानव जैन ।

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 16 ] चांद के उदय से जग में प्रकाश होता है
                 सूरज के उदय से फूलों का विकास होता है
        मन मंदिर में आगम स्वाध्याय की धुन होती है
               तो आत्मा में आत्मिक सुख शांति का प्रकाश होता है।


17] जन्म से जैन होना , सौभाग्य की बात है
               उससे भी अधिक परम सौभाग्य की बात है
                          जीवन में दया, क्षमा, सत्य, शील, संतोष, सदाचार आदि जैनत्व के संस्कार आना।

18] जिनवाणी के सुंदर बोल लगते हैं कितने अनमोल

                  हृदय की खिडक़ी में मानव सदा इन्हें तू तोल।

19] कोयल कूकेगी पर आम्र की डाली तो हो
                      दुनिया झुमेगी पर कला निराली तो हो
     गमगीन श्रोता जनों से बस इतना ही कहना है
                      सभा सजेगी पर बात हर्ष हर्ष जय जय वाली तो हो।


20] वर्षावास में होती है तप की पावस फुहार
                    भक्तजनों में खिलखिलाती है धर्म बहार
     चार माह बड़े महत्त्व के होते हैं देवाणुप्रिय
                    जिनवाणी से हो जाता है जन मन का उद्धार।


21] केवल खुद का पेट भरे तो यह कोई खाना नहीं
                     अपने खेत को हरा तो यह कोई दाना नहीं
      जीवन में कुछ औरों के लिए भी करना सीखो
                    जो पल पुण्य में बीते उससे बड़ा खजाना नहीं।


दोस्तों! समय-समय पर हम और भी नई जैन शेरो शायरी इस वेबसाइट में शामिल करते रहेंगे। आप इन शेरो शायरी का यूज करके जिन शासन की प्रभावना करें एवं अपने सभी साधर्मी भाई बहनों के साथ इन शेरो शायरी को शेयर करना ना भूलें। जय जिनेंद्र ।
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10 comments

  1. Very nice jain hindi shero shayari

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  2. आपकी शेरों शायरी पढ़ कर काफी अच्छी लगी।

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  3. Jain tap ke liye agar koi sher ho to plz 8000957127 wp kare

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  4. Thnke u so much jain ke liye itane achche shero shayri ke liye. Aur ha jain dharm par koi sayari please bnayi ye I'm proud to be jain.

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    1. Dhanyawad..dev, guru, dharm ki kripa hume milna..humari punyawani hai...

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  5. Great shayaris!
    https://biguses.com/

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