एक
लड़की जब शादी के दहलीज पर खड़ी होती है, तो न जाने कितनी सारी उलझने उसके
मन में होती है। सगाई होने के बाद हमसफर को, नये परिवार को पाने की खुशी
तो होती है, लेकिन साथ ही बाबुल को छोड़ जाने का डर भी उसके मन में हमेशा
रहता है। एक दुल्हन की बाबुल को बिदा करते वक्त क्या भावनाएं होती है, यह
आपको इस कविता के माध्यम से शेयर करना चाहती हूं। यह कविता मैंने अपनी
शादी के समय पर संगीत संध्या के दिन शेयर की थी। इस कविता को सुनकर आपको
लगेगा मानो यह कविता आपके लिए ही बनी हो। तो चलिए, पढ़ते हैं, बाबुल को
बिदा करते वक्त दुल्हन की क्या भावनाएं हैं....
दुल्हन के लिए हिंदी कविता
Hindi Poem for Bride
बिता है इस आंगन में मेरा प्यारा बचपन
झूम उठा है इन गलियों में मेरा यह चंचल मन
छोटी-छोटी बातों पर मेरा यूं इतराना
बाबुल का अपनी अल्हड़ सी बिटिया को मनाना
मेरी हर जीत को करते थे सब पूरा
कभी ना रहने दिया कोई सपना अधूरा
गुंजती थी घर हमारे मेरी तोतली बोली
भाई बहनों के साथ की जो आंख मिचोली
मांसाँ-भाईजीसाँ हे हमारे घर की बुनियाद
मांसाँ की शिक्षाएं रहेंगी हमेशा याद
मिले बचपन से ही मुझे दादा-दादी के संस्कार
नाना-नानी ने भी खूब लुटाया प्यार
मां की लाडली, पापा की दुलारी
बाबुल से तो जूडी है खुशियां प्यारी-प्यारी
चाचा-चाची है मेरे बड़े ही उपकारी
उन्हीं से तो खिलीं हैं मेरी जिंदगी की क्यारी
प्यारी भावना दिदी से रिश्ता है मेरा गहरा
मुश्किल से मुश्किल पलों में दिया उन्होंने साथ मेरा
बुआसा-पुफासां से मिलता रहा अपनापन
मामासां-माशीसां से मिलने लालायित होता है यह मन
झूम उठा है इन गलियों में मेरा यह चंचल मन
छोटी-छोटी बातों पर मेरा यूं इतराना
बाबुल का अपनी अल्हड़ सी बिटिया को मनाना
मेरी हर जीत को करते थे सब पूरा
कभी ना रहने दिया कोई सपना अधूरा
गुंजती थी घर हमारे मेरी तोतली बोली
भाई बहनों के साथ की जो आंख मिचोली
मांसाँ-भाईजीसाँ हे हमारे घर की बुनियाद
मांसाँ की शिक्षाएं रहेंगी हमेशा याद
मिले बचपन से ही मुझे दादा-दादी के संस्कार
नाना-नानी ने भी खूब लुटाया प्यार
मां की लाडली, पापा की दुलारी
बाबुल से तो जूडी है खुशियां प्यारी-प्यारी
चाचा-चाची है मेरे बड़े ही उपकारी
उन्हीं से तो खिलीं हैं मेरी जिंदगी की क्यारी
प्यारी भावना दिदी से रिश्ता है मेरा गहरा
मुश्किल से मुश्किल पलों में दिया उन्होंने साथ मेरा
बुआसा-पुफासां से मिलता रहा अपनापन
मामासां-माशीसां से मिलने लालायित होता है यह मन
भाई के कलाई पर बांधी जो सुनहरी डोर
प्यार भरा तोहफा लेने हुई जो नोकझोंक
भाभी के साथ की जो प्यार भरी बात
हर पल दिया उन्होंने मेरा साथ
संस्कारों के बीज से किया मुझे अंकुरित
आशीर्वाद सद्भावना से होगा मेरा जीवन पुलकित
बस चंद लम्हों के बाद हो जाऊंगी मैं पराई
बीते लम्हों को याद कर आंख हैं भर आई
इस परिवार के साथ हूं अब ससुराल की भी शोभा
प्यार भरा तोहफा लेने हुई जो नोकझोंक
भाभी के साथ की जो प्यार भरी बात
हर पल दिया उन्होंने मेरा साथ
संस्कारों के बीज से किया मुझे अंकुरित
आशीर्वाद सद्भावना से होगा मेरा जीवन पुलकित
बस चंद लम्हों के बाद हो जाऊंगी मैं पराई
बीते लम्हों को याद कर आंख हैं भर आई
इस परिवार के साथ हूं अब ससुराल की भी शोभा
चमकाती रहूंगी हमेशा दोनों कुलों की आभा
आशीर्वाद, प्यार आपका यूं ही मुझ पर लुटाते रहना
इस अल्हड़ सी बिटिया को कभी मत भूलना
आपका कोमल ह्रदय दुखाया हो कभी
विशाल ह्रदय से माफ कर देना आप सभी
दुखभरे अंतकरण के साथ लेती हूं आपसे बिदाई
यादों के झरोखे में रहेंगी रिश्तो की ये गहराई।
आशीर्वाद, प्यार आपका यूं ही मुझ पर लुटाते रहना
इस अल्हड़ सी बिटिया को कभी मत भूलना
आपका कोमल ह्रदय दुखाया हो कभी
विशाल ह्रदय से माफ कर देना आप सभी
दुखभरे अंतकरण के साथ लेती हूं आपसे बिदाई
यादों के झरोखे में रहेंगी रिश्तो की ये गहराई।
दोस्तों! बाबुल को बिदा करते वक्त एक दुल्हन की क्या भावनाएं होती है, यह इस कविता के जरिए मैंने उजागर करने का प्रयास किया है। मुझे यकीन है, आपको यह कविता बेहद पसंद आई होगी और यह कविता पढ़ते वक्त आपके आंखों में आंसू भी जरूर छलके होंगे। वाकई में बाबुल से बिदा लेना एक लड़की के लिए सबसे मुश्किल है। जिस लड़की को बाबुल इतने लाजो से पालता है, उसे अपने हाथों से किसी और के हाथों में थमा देना, बाबुल के लिए भी उतना ही मुश्किल है। आपको अगर यह कविता अच्छी लगी हो तो इसे लाइक, कमेंट करके अपने दोस्तों के साथ भी जरूर शेयर करें।
Lovely And HeartWarming👌👍
ReplyDeleteThanks mam...
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