मेरे सभी साधर्मी भाई बहनों को
जय जिनेंद्र। उत्तम क्षमा / क्षमापना का अनुपम अवसर आया है। हम सभी भगवान
महावीर के अनुयायी हैं। हमें भगवान ने जियो और जीने दो, अहिंसा परमो धर्म,
क्षमा वीरस्य भूषणम् आदि संदेश दिए हैं। क्षमा जैन धर्म का सबसे बड़ा
हथियार है। जिससे हम हमारे राग द्वेष रूपी कषायों को कम कर सकते हैं।
जिंदगी का निर्वाह करते समय हमसे जानते-अजानते गलतियां हो जाती है। लेकिन
क्षमा मांगने एवं क्षमा करने से हमारी आत्मा निर्मल पावन बनती है। तो चलिए,
आज मैं आप सभी के साथ उत्तम क्षमा / क्षमापना पर बनाई हुई हिंदी कविता
शेयर कर रही हूं...
उत्तम क्षमा पर हिंदी कविता
Hindi Poem on Kshamapana / Uttam Kshama
उत्तम क्षमा का आया है अनुपम मौका
जिसने हमारे क्रोधादि कषायों को रोका
गत दिनों में हुई भूलों का करना है स्मरण
क्षमायाचना, क्षमादान से ही तो होगी आत्मा पावन
गत दिनों में हुई भूलों का करना है स्मरण
क्षमायाचना, क्षमादान से ही तो होगी आत्मा पावन
जाने अनजाने में हो जाती हैं मन में गलतियां
छल-कपट, अज्ञानता से बन जाती है मन में भ्रांतियां
छल-कपट, अज्ञानता से बन जाती है मन में भ्रांतियां
अनंत काल के संस्कारों
से होता है मन
सरलता से मन को समझाने से क्षीण हो जाता है
कर्मरूपी बाण
"क्षमा वीरस्य भूषणम्" हैं जैन धर्म का संदेश
कभी कोई प्रसंग पाकर आ जाता मन में आवेश
किए हुए कर्मों का करना पड़ेगा भुगतान
मनुज इसलिए तू अपने आत्म स्वरूप को
"क्षमा वीरस्य भूषणम्" हैं जैन धर्म का संदेश
कभी कोई प्रसंग पाकर आ जाता मन में आवेश
किए हुए कर्मों का करना पड़ेगा भुगतान
मनुज इसलिए तू अपने आत्म स्वरूप को
क्षमा मांगकर अपनी भूलों को करो स्वीकार
क्षमा दान देकर ही तो होंगी आत्मा भव पार।
क्षमा दान देकर ही तो होंगी आत्मा भव पार।
दोस्तों ! आशा है, उत्तम क्षमा पर बनाई हुई यह कविता आपको पसंद आई होगी। क्षमापना की महत्ता को समझाने वाली यह कविता सभी धर्मावलंबी के साथ शेयर करें। ताकि भगवान महावीर का अनुपम संदेश सभी लोगों तक पहुंचे। रूपमय वेबसाइट के सभी पाठकों से मैं क्षमा मांगती हूं। जय जिनेन्द्र !
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