जैन गुरू / संत पर हिंदी शेरो शायरी Shero shairi on Jain Guru / Sant

November 23, 2017
जीवन में संत का एक महत्वपूर्ण स्थान होता हैं। वे हमारे जीवन का निर्माण करने में अहम भूमिका निभाते हैं। उनके उपदेश से हमें नई दिशा मिलती हैं, हमारी जिंदगी संवर जाती हैं। गुरु की महत्ता को शब्दों में बयां नहीं कर सकते फिर भी कुछ चुनिंदा शेरो शायरी आप के समक्ष रखती हूं...

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जैन गुरू / संत पर हिंदी शेरो शायरी

Shero shairi on Jain Guru / Sant


गरिमा गुरु की अनंत है, गुणों का भंडार
        जन जन के है देवता, मम जीवन आधार
वर्धमान के वीर हो, जिनशासन की शान
       नमन करु मैं भक्ति से, पाऊं पद निर्वाण


जिनके मुख पर तेज और तेज में सोम्यता
जिनकी वाणी में ओज और ओज में मधुरता
जिनके कार्य में शौर्य और शौर्य में दक्षता
जिनके ह्रदय में वात्सल्य और वात्सल्य में प्रवीणता
 जिनके जीवन में अध्यात्म और अध्यात्म में सरलता।

आपका सानिध्य पाकर भाग्य जगा हमारा
        शीतल होता रहे तन मन बहे कृपा की धारा
 संयम के पूर्ण प्रतिमान दिव्य नयन सितारे
      आस्था के अप्रतिम केंद्र शत् शत् वंदन हमारे।

 
दर्शन बहुत किए गुरु मुख के
        अब पदचिन्हों की ओर निहारे
गुरु ने जिस पथ पर कदम बढ़ाए
        हम भी उस पथ पर कदम बढ़ाए।


  बिन पुकारे दे रहे वात्सल्य का जो दान है
  उपमित करूँ किससे आपको मिलता नहीं उपमान हैं 
शांत तेरी धवल छवि मन पटल पर छा रही
    हर अमावस देख तुझको पुर्णिमा बन आ रही।


  गुरुवर आपके गुणों को हमसे गाया नहीं जाता
     आप की साधना का अंदाजा कभी लगाया नहीं जाता 
आपके गुणों का गुणगान करें तो कैसे करें
      कि दुनिया में ऐसा पैमाना कहीं पाया नहीं जाता

 
तकदीर हजारों की जगाई आपने
           जिंदगी लाखों की बनाई आपने
डूब रहे थे जो भव सागर में
           कश्ती करोड़ों की पार लगाई आपने ।


सुरज की एक किरण फूल खिला देती है
      संतों की नेक नजर भाग खिला देती है ।


हर गीत के पीछे एक साँज होता है
         हर बात के पीछे एक राज होता है
चांद पर देखो उस पर भी दाग होता है
         बिगड़ी हुई तस्वीर  संवर जाती है उसकी जिनके सिर पे संतो हाथ होता है।


  गुरु ही जीवन का आधार है
           गुरु बिना जिंदगी में मंझधार में है
गुरु जी लगावे,जीवन की नैया पार
           गुरु के संग से हो जाएगा बेड़ा पार ।

 
मंझदार में भी किनारा मिल गया
               अंधेरे में भी उजाला मिल गया
गजब है गुरूमैय्या का करिश्मा
                तूफाँ में भी सहारा मिल गया।
 

धरती अंबर गूंजे जयघोष के नारों से
       वंदन उन्हें करती हुँ, श्रद्धा के उपहारों से।


  वानी में है ओज निराला, जीवन जैसे शीतल चंदन
    अनंत उपकारी गुरूराज को श्रध्दा सहित हो वंदन।


मेरे साधर्मी भाई-बहनों आशा है, आपको यह जैन संत के लिए बनाई गई शेरो शायरी बहुत पसंद आई होंगी। समय समय पर गुरु भगवंतों के गुणों का वर्णन कर के  जिनशासन की प्रभावना करें।


अवश्य पढ़े :- १] जैन हिंदी नाटिका
                      २] जैन तपस्या पर हिंदी स्पीच 
                      ३] जैन हिंदी नाटिका जीव की आत्मकथा 
                      ४] महिला संगीत संध्या पर बनाई हिंदी एंकरिंग 
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