गुरु / शिक्षक / संत का हमारे जीवन में बहुत ही उच्चा स्थान होता है।
हमारे माता पिता के पास वही हमारे हितचिंतक होते हैं। जो हमारे जिंदगी
का अज्ञान दूर कर ज्ञान रूपी उजाला हमारे जीवन में फैलाते हैं। हमें सही
जिंदगी जीने की प्रेरणा देते हैं। ऐसे गुरु / शिक्षक / संत पर
महापुरुषों ने जो दोहे बनाए हैं, वह आप सभी के साथ शेयर कर रही हूं..
गुरु / शिक्षक / संत पर हिंदी दोहे
Hindi Dohe for Guru / Teacher / Sant
गुरु कारीगर सारिखा, टांची वचन विचार
पत्थर से प्रतिमा करें, पूजा लहे अपार!
गुरु गोविंद दोनों खड़े, किसके लागूं पाय
बलिहारी गुरु देव की, गोविंद दियो बताय्!
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सात समंदर स्याही करूँ, मसि करूं वणराय
धरती सब कागज करूं, गुरु गुण लिखा न जाय!
यह तन विष की बेलडी, गुरु अमृत की खाण
शीश दिया सो गुरु मिले, तो भी सस्ता जाण!
अवश्य पढ़े :- गुरु पर स्पीच
सुत दारा अरू लक्ष्मी, पापी के भी होय
संत समागम हरि कथा, तुलसी दुर्लभ दोय!
दोस्तों ! महापुरुषों ने गुरु / शिक्षक / संत पर बनाए हुए यह हिंदी दोहे का कलेक्शन आप सभी को पसंद आया होगा। हमेशा अपने गुरु के चरणों में नतमस्तक रहें। तभी हमारे जीवन की तरक्की हो सकती हैं। जिस इंसान के जीवन में विनयता का गुण होता हैं, उसे यश-सम्मान जरूर मिलता हैं।
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