जैन धर्म पर हिंदी कविता Hindi Poem on Jain Dharm

January 25, 2018
हमारे  अत्यंत पुण्यवाणी का उदय होता है, जब हमें जैन धर्म में आसन मिलता है। जब अन्य धर्मावलंबी  को देखते हैं, तब हमारे धर्म की अहमियत और भी बढ़ जाती हैं।  भगवान महावीर ने हमें  कितने अच्छे संस्कार दिए हैं। छोटी-छोटी बातें सहजता से बता कर हमारा जीवन ऊंचा उठाया है।  जैन धर्म की क्या महत्ता है,  इसे काव्य पंक्तियों में पिरोने का एक छोटा सा प्रयास मैने किया है, उसे आपके समक्ष रखना चाहती हूं।

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जैन धर्म पर हिंदी कविता

Hindi Poem on Jain Dharm

अनंत पुण्यवाणी से मिला हमें अहिंसा परमो धर्म
पर समझा नहीं हमने जीवन में इसका मर्म
सम्यक ज्ञान, दर्शन, चरित्र है हमारे धर्म के मूल

न जाने क्यों जिसे हम गए हैं भूल
चौवीसों तीर्थंकर ने की अद्भुत दया
बरसाई हम पर जिनवाणी रुपी छत्रछाया
     त्रस स्थावर के साथ समझाया छः काय का स्वरुप
 मोक्ष धाम को पालेंगे बन जाए धर्म के अनुरूप
भावी पीढ़ी पर देंगें जिन धर्म के संस्कार
तभी तो जैनी बनना होगा हमारा साकार
धार्मिक वह नहीं जो बन गया आगमों का ज्ञाता
    बल्कि वह जिसने जोड़ लिया हर पल धर्म से नाता
 श्वेतांबर, दिगंबर है दो हमारे धर्म के पंथ
       आपस में उलझ कर ना कर दे हमारे धर्म का अंत 
                                            थाम कर एक दूसरे का हाथ हमारे धर्म का झंडा लहराना
                                                  जैन धर्म को अब हमें घर-घर हैं पहुंचाना।।


मेरे साधर्मी भाई-बहनों हीरे पन्ने से भी मूल्यवान हमारे  जैन धर्म को समझकर हमें उसका आचरण करने का प्रयास करना चाहिए और जिनशासन को दिपाने का सदैव प्रयास करना चाहिए।

अवश्य पढ़े :- १] जैन तपस्या पर हिंदी स्लोगन
                    २] जैन  तपस्या  पर  हिंदी नाटिका
                    ३] जैन शेरो शायरी 
                   
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