शादी के सात फेरे / सप्त वचन पर बनाई हुई हिंदी कविता Poem on Saat Phere / Saat Vachan / Sapt padi of Hindu Marriage

October 31, 2018
भारतीय संस्कृति के हर परंपरा का रंग सुहावना है। चाहे कोई भी कार्य हो या दस्तूर हो; हर कार्य, दस्तूर अनुशासन के साथ मंत्र उच्चारणा के साथ होता है। जैसे विवाह के शुभ प्रसंग पर सात फेरे निभाने की परंपरा है। यह सात फेरे, सात वचनों से प्रतिबद्ध है। सात वचन देकर एक वधू आश्वस्त हो जाती है, किसी को अपना हमसफर बनाने के लिए। तो चलिए, आज मैं आप सभी के साथ शेयर कर रही हूं, सात फेरों पर बनाई हुई हिंदी कविता ; जो हर सप्त वचनों को दर्शा रही है....

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शादी के सात फेरे / सप्त वचन पर बनाई हुई हिंदी कविता

Poem on Saat Phere / Saat Vachan / Sapt padi of Hindu Marriage


वधू मांग रही है अब सात पदों का साथ
सात वचन दोगे मुझे तो बनेगी कुछ बात
तीर्थ यात्रा में जाओ तो मुझे भी साथ ले जाना
मेरे माता-पिता का सम्मान हमेशा करना
जीवन के तीनो अवस्थाओं में मुझे है संभालना
परिवार के सभी आवश्यकताओं का दायित्व निभाना
घर के हर कार्य, लेन-देन  में लेना मेरी मंत्रणा
सप्तव्यसनों से अपने आपको दूर ही रखना
परस्त्री रहेंगी आपके लिए माता के समान
स्वीकार हो सात वचन तो अर्धांगिनी बनूँगी प्राण नाथ।

दोस्तों ! आशा है, सात फेरे / सात वचनों पर बनाई हुई हिंदी कविता आप सभी को पसंद आई होगी। विवाह के बंधन में बंधने वालों को  सप्त वचनों के बारे में इस कविता के माध्यम से जानकारी मिल जाएगी। और हमें भी यह कविता सात वचनों की याद दिलाती है, जो हमने हमारे जीवनसाथी से लिए थे। भारतीय संस्कृति की हर बात निराली है। इस परंपरा को सप्त वचनों के द्वारा हर एक लाइन में कवर करने का मैंने प्रयास किया है। अगर आपको यह कविता पसंद आई होगी तो हमें कमेंट करके अपने दोस्तों के साथ भी इसे जरूर शेयर करें।


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