बरसों से कवियों ने माँ के गुणगान गाये है । पर बच्चों पर अपनी जान
छिड़कने वाले पापा को अपना प्यार जताना नहीं आता। उन्हें तो बस्स अपना
कर्तव्य निभाना आता है। ख़ुशनसीब होते हैं वे लोग जिन्हें हर मोड़ पर माता
पिता का प्यार मिलता है। आज मेरे पापा मेरे साथ नहीं पर उनका मुझसे एक
अनोखा रिश्ता था जिसे याद कर मैंने यह कविता बनाई है,जो मैं मेरे पापा को
समर्पित करती हूँ।
पापा होते है हमारे जीवन का आधार
झोली में डाल देते है हमारे खुशियों का हार
माँ के
साथ पिता निभाते है अपना कर्तव्य
कठिन से
कठिन पल में भी जानते है उत्तरदायित्व
हमारे लिए सपनों का घरौंदा है बनाते
हमारी हर जिद को पुरा है करते
क्यों
भूल जाते है हम यशोदा के साथ वासुदेव को
नदियों
के बाढ़ से जो संग लाये थे कृष्ण को
कठोर मन के लगते है वे हमें वचनों से
फूलों के भाँती कोमल होते हे ह्रदय से
प्रतियोगिता
की सफलता पर लाते है चुपके से मिठाई
बच्चों
के लिये कर लेते है दुनियाँ से लढाई
फटे पुराने कपडों से वो अपना काम चला लेंगे
लेकिन बच्चों के ख्वाबो को न अनदेखा करेंगें
याद
कीजिये राम के वियोग में तडपने वाले दशरथ को
जिजामाता
के साथ शहाजी राजे की धैर्यशाली कसरत को
बेटी की शादी और बेटे की पढाई
बच्चों के लिए करते है वे दिन रात कमाई
हमारे
हर मुश्किल को आसानी से है सुलझाते
जीवन के
प्रत्येक पहलुओं को ध्यान से है निहारते
पापा लाते है हमारे लिये नये उपहार
अल्लड सी गलतियों को माफ कर लुटाते है प्यार
तिनका-तिनका
बटोरकर करते है अरमानो को पूरा
हमारे
लिये तो समर्पित करते है जीवन सारा
नही आता है उन्हें दूसरो की तरह प्यार जताना
बच्चों के ही सामने अपने पलको को भिगौना
कभी
चोरी-चोरी उनके आँखों की नमी को भॉंप लेना
दिल की
गहराई में अपने लिये समर्पण देख लेना
जीवन के गहनतम पलों में जो होते नही हताश
ऐसे प्यारे पापा को हम समझ लेते काश!!
पापा उस नारियल की तरह होते हैं, जो हमे बाहर से तो बड़े कड़क दिखाई देते है। पर अंदर से वे उतने ही कोमल नरम दिल के होते हैं।दोस्तों हमारे जिंदगी में कभी ऐसा कोई पल न आये की उन्हें शर्मिंदा होना पड़े। बल्कि हमेशा वह सीना तानकर कहे, हम उनके बेटी/बेटे है।
अवश्य पढ़े :- १] महिला संगीत संध्या पर हिंदी नाटिका
२] ज़िंदगी पर हिंदी कविता
३] प्रेरणादाई हिंदी शेरो शायरी
४] ज़िंदगी कैसे और भी खूबसूरती से जिए ?
पापा उस नारियल की तरह होते हैं, जो हमे बाहर से तो बड़े कड़क दिखाई देते है। पर अंदर से वे उतने ही कोमल नरम दिल के होते हैं।दोस्तों हमारे जिंदगी में कभी ऐसा कोई पल न आये की उन्हें शर्मिंदा होना पड़े। बल्कि हमेशा वह सीना तानकर कहे, हम उनके बेटी/बेटे है।
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मेरे पापा यह कविता बहुत सुंदर है
ReplyDeleteBehad khubsurat kavita
ReplyDeleteNice 😊👍
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