हमारा भारत देश जिसे सोने की चिड़िया कहा जाता है। जिसकी खूबसूरती हर किसी
को लुभाती है। जहां की हर एक बात निराली है। तो चलिए ,हमारे देश की
खूबसूरती बयां करने के लिए आज मैं आप सभी के साथ मेरा आदर्श गांव पर हिंदी
निबंध / भाषण शेयर कर रही हूं ...
चांदवड गांव में प्रवेश करते ही कोरीव काम से बनी हुई बड़ी सारी कमान हमारे स्वागत में आज भी नतमस्तक है। रंगमहाल को देखने लोग आज भी तरसते हैं। जागृत चंद्रेश्वरी, रेणुका माता मंदिर, इच्छापूर्ति गणपति मंदिर, चोवीस तीर्थंकर मंदिर आदि मानो भक्तों को वरदहस्त दे रहे हैं। यहां का नेमिनाथ गुरुकुल, होलकर हायस्कूल आदि कई सारी पाठशालाएं न जाने कितने ही शिष्य का जीवन बना रही हैं। शहरों में भी इतनी कॉलेजेस नहीं होंगे, इतने सारे महाविद्यालय हमारे चांदवड का केंद्रबिंदू नेमीनाथ गुरूकुल में है। जहां पर दूर-दूर से शिष्य पढ़ने आते हैं। यहां का अनुशासन सबको लुभाता है।
चांद भी फीका कर दे, ऐसी कई सारी खूबसूरतीयाँ हमारे चांदवड में बसी है, बस उसे और निखारने की जरूरत है। शुरूआत करते हैं, पहाड़ो से.. पहाड़ो से बहता हुआ वह निश्चल झरने का पानी अगर हम संभाल कर रखें, तो पानी की कमी कभी महसूस नहीं होगी। इस विज्ञान युग में बहुत सारी तकनीके निकली है, अगर इनका प्रयोग कर हम बहुत पानी को समेट ले तो हमारे चांदवड के कृषि विभाग, व्यवसाय विभाग के साथ चांदवड का नक्शा ही बदल जाएगा। चांदवड की हर क्षेत्र में तरक्की होगी। धरती पर बिखरा हुआ अनाज, मीठे मीठे रसभरे फल, खूबसूरत फूलों से हमारा चांदवड और भी शोभायमान होगा।
इतिहास गवाह करने वाले हमारे कमान, रंगमहाल को अच्छे से हम देखभाल करने का ठान ले तो चांदवड को चार चांद लग जाएंगे। बहुत ही कम गांव में ऐसे ऐतिहासिक स्थल हमें देखने के लिए मिलते हैं। हमारे पूर्वजों की धरोहर इन ऐतिहासिक स्थलों की हम सार संभाल करेंगे तो वह एक पर्यटक स्थल बन जाएगा। जैसे लोग यहां पर माता के दर्शन करने आते हैं, उसी तरह वे रंगमहाल भी देखने आने लगे तो हमारा आर्थिक विकास भी बढ़ेगा। हमारे चांदवड की विशेषताएं दूर दूर तक फैल जाएंगी। हमे हमारे चांदवड तालुके का राजनैतिक स्तर भी ऊंचा करना पड़ेगा। जहां तन-मन-धन से न्योछावर करने वाले ऐसे युवाओं का संगठन बनाना चाहिए, जो हमारे गांव का सही मायने में विकास करें। हमारे बुजुर्गों का अनुभव सुनकर हम ऐसे नियम बनाए, जिससे उन्नति के शिखर पर हम बढ़ते चले जाए। गरीबों का इलाज करने के लिए सरकारी अस्पतालों में ऐसी व्यवस्था हो की जल्द ही सबकी शारीरिक, मानसिक बीमारी दूर हो जाये।बस स्टैंड में भी बस की बढ़ोतरी होनी चाहिए क्योंकि बहुत सारे बाहर गांव के छात्र चांदवड में पढ़ने के लिए आते हैं। एक रेलवे स्टेशन बनाने का प्रस्ताव हमें जरूर रेलमंत्री को देना चाहिए ताकि जिससे हमारे गांव के लोगों को सुविधा मिले। रोजगार के अवसर भी प्राप्त हो।
सबसे महत्वपूर्ण हमारे तालुके का कृषि विभाग! हमारे गांव का पानी का स्तर बढ़ाना चाहिए, नए-नए तकनीकों की जानकारी सभी किसानों तक पहुचांनी जानी चाहिए, ताकि उसका फायदा लेकर हम कम समय में ज्यादा उत्पादन बढ़ा सके। पिंपलगांव को जैसे मिनी सिंगापुर कहां जाता है, वैसे ही हमें भी मिनी दुबई कहां जाना चाहिए। कई सारे छोटे-छोटे व्यवसाय को हम चांदवड में रहकर ही आगे बढ़ाएं, जिससे हमारे जन्मभूमि-कर्मभूमि से हम जुड़े रहेंगे। स्वच्छता अभियान के तहत हमारे चांदवड तालुका को स्वच्छ बनाने का निर्णय हम सभी ने लेना चाहिए और इसकी शुरूआत स्वयं से करनी चाहिए। हमारे गांव की सड़कों की मरम्मत कर लेनी चाहिए। ताकि किसी को असुविधा ना हो।
इस तरह हमारा चांदवड तालुका प्रकृति की गोद में पलता हुआ, सभी नई तकनीकों को अपनाकर एक आदर्श गांव बने। हमारे चांदवड के पुरातन को युगानुकल बनाकर, हरियाली भरे वातावरण में परिवार भाव से रहता हुआ, जनसमूह बने। जहां पर प्राकृतिक हर सुविधा घर-घर तक पहुंचे और शहर के लोग हमारे शांत, निश्छल, खुबसूरत तालुका चांदवड में आने के लिए तरसे... ऐसा हो मेरे सपनों का चांदवड...मेरा आदर्श गाँव चांदवड...।
दोस्तों! आशा है, मेरा आदर्श गांव पर बनाया हुआ यह हिंदी निबंध / भाषण आप
सभी को पसंद आया होगा। वाकई में अपने गांव को आदर्श बनाने में हम सभी की
अहम भूमिका होनी चाहिए। तभी हमारा गांव / शहर आदर्श के सूची में आएगा। अगर
हर गांव शहर अपने आप को बेहतर बनाने का प्रयास करें तो हमारे देश का विकास
होगा एवं देश सर्वोत्तम देश की सूची में आएगा। तो चलिए, देर किस बात की
शुरुआत करते हैं...
मेरा आदर्श गांव निबंध / भाषण
Speech / Essay on My Ideal Village / Gaon in Hindi
पहाड़ों के बीच बसा हुआ चांदवड ग्राम। इस मार्ग में आने-जाने वाले सभी लोगों का ध्यान अपनी तरफ केंद्रित कर लेता है। ये सहयाद्री सप्तरंगी पहाड़ हमें इशारा कर रही है कि अब हम चांदवड तालुका में प्रवेश कर रहे हैं। लगता हैं, हरियाली ओढ़कर सजधज के यह पहाड़ हमारे स्वागत में खड़े हैं। वाकई में यह हमारी पुण्यवाणी है, जो हमें चांदवड़ जैसे ऐतिहासिक गांव में रहने का अवसर मिला है। बरसात में इतना खूबसूरत मौसम रहता है कि वह देखने के बाद कोई हिल स्टेशन जाने की जरूरत महसूस नहीं होती। चांदवड के हर मौसम का हर रंग सुहावना लगता है।चांदवड गांव में प्रवेश करते ही कोरीव काम से बनी हुई बड़ी सारी कमान हमारे स्वागत में आज भी नतमस्तक है। रंगमहाल को देखने लोग आज भी तरसते हैं। जागृत चंद्रेश्वरी, रेणुका माता मंदिर, इच्छापूर्ति गणपति मंदिर, चोवीस तीर्थंकर मंदिर आदि मानो भक्तों को वरदहस्त दे रहे हैं। यहां का नेमिनाथ गुरुकुल, होलकर हायस्कूल आदि कई सारी पाठशालाएं न जाने कितने ही शिष्य का जीवन बना रही हैं। शहरों में भी इतनी कॉलेजेस नहीं होंगे, इतने सारे महाविद्यालय हमारे चांदवड का केंद्रबिंदू नेमीनाथ गुरूकुल में है। जहां पर दूर-दूर से शिष्य पढ़ने आते हैं। यहां का अनुशासन सबको लुभाता है।
चांद भी फीका कर दे, ऐसी कई सारी खूबसूरतीयाँ हमारे चांदवड में बसी है, बस उसे और निखारने की जरूरत है। शुरूआत करते हैं, पहाड़ो से.. पहाड़ो से बहता हुआ वह निश्चल झरने का पानी अगर हम संभाल कर रखें, तो पानी की कमी कभी महसूस नहीं होगी। इस विज्ञान युग में बहुत सारी तकनीके निकली है, अगर इनका प्रयोग कर हम बहुत पानी को समेट ले तो हमारे चांदवड के कृषि विभाग, व्यवसाय विभाग के साथ चांदवड का नक्शा ही बदल जाएगा। चांदवड की हर क्षेत्र में तरक्की होगी। धरती पर बिखरा हुआ अनाज, मीठे मीठे रसभरे फल, खूबसूरत फूलों से हमारा चांदवड और भी शोभायमान होगा।
इतिहास गवाह करने वाले हमारे कमान, रंगमहाल को अच्छे से हम देखभाल करने का ठान ले तो चांदवड को चार चांद लग जाएंगे। बहुत ही कम गांव में ऐसे ऐतिहासिक स्थल हमें देखने के लिए मिलते हैं। हमारे पूर्वजों की धरोहर इन ऐतिहासिक स्थलों की हम सार संभाल करेंगे तो वह एक पर्यटक स्थल बन जाएगा। जैसे लोग यहां पर माता के दर्शन करने आते हैं, उसी तरह वे रंगमहाल भी देखने आने लगे तो हमारा आर्थिक विकास भी बढ़ेगा। हमारे चांदवड की विशेषताएं दूर दूर तक फैल जाएंगी। हमे हमारे चांदवड तालुके का राजनैतिक स्तर भी ऊंचा करना पड़ेगा। जहां तन-मन-धन से न्योछावर करने वाले ऐसे युवाओं का संगठन बनाना चाहिए, जो हमारे गांव का सही मायने में विकास करें। हमारे बुजुर्गों का अनुभव सुनकर हम ऐसे नियम बनाए, जिससे उन्नति के शिखर पर हम बढ़ते चले जाए। गरीबों का इलाज करने के लिए सरकारी अस्पतालों में ऐसी व्यवस्था हो की जल्द ही सबकी शारीरिक, मानसिक बीमारी दूर हो जाये।बस स्टैंड में भी बस की बढ़ोतरी होनी चाहिए क्योंकि बहुत सारे बाहर गांव के छात्र चांदवड में पढ़ने के लिए आते हैं। एक रेलवे स्टेशन बनाने का प्रस्ताव हमें जरूर रेलमंत्री को देना चाहिए ताकि जिससे हमारे गांव के लोगों को सुविधा मिले। रोजगार के अवसर भी प्राप्त हो।
सबसे महत्वपूर्ण हमारे तालुके का कृषि विभाग! हमारे गांव का पानी का स्तर बढ़ाना चाहिए, नए-नए तकनीकों की जानकारी सभी किसानों तक पहुचांनी जानी चाहिए, ताकि उसका फायदा लेकर हम कम समय में ज्यादा उत्पादन बढ़ा सके। पिंपलगांव को जैसे मिनी सिंगापुर कहां जाता है, वैसे ही हमें भी मिनी दुबई कहां जाना चाहिए। कई सारे छोटे-छोटे व्यवसाय को हम चांदवड में रहकर ही आगे बढ़ाएं, जिससे हमारे जन्मभूमि-कर्मभूमि से हम जुड़े रहेंगे। स्वच्छता अभियान के तहत हमारे चांदवड तालुका को स्वच्छ बनाने का निर्णय हम सभी ने लेना चाहिए और इसकी शुरूआत स्वयं से करनी चाहिए। हमारे गांव की सड़कों की मरम्मत कर लेनी चाहिए। ताकि किसी को असुविधा ना हो।
इस तरह हमारा चांदवड तालुका प्रकृति की गोद में पलता हुआ, सभी नई तकनीकों को अपनाकर एक आदर्श गांव बने। हमारे चांदवड के पुरातन को युगानुकल बनाकर, हरियाली भरे वातावरण में परिवार भाव से रहता हुआ, जनसमूह बने। जहां पर प्राकृतिक हर सुविधा घर-घर तक पहुंचे और शहर के लोग हमारे शांत, निश्छल, खुबसूरत तालुका चांदवड में आने के लिए तरसे... ऐसा हो मेरे सपनों का चांदवड...मेरा आदर्श गाँव चांदवड...।
अतीउत्तम....
ReplyDeleteधन्यवाद
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