महिला दिन 2023के उपलक्ष में नारी पर बनाई हुई हिंदी कविता
Latest Hindi Poem on Womens for Woman's Day 2023
नारी के हैं कई अनेक रुप
कभी छांव तो कभी है धूप
जन्म लेते ही उस घर की खिल जाती है क्यारी
वो तो है खुदा की देन प्यारी
तोतली तोतली बोली से दमका देती है घर
उसके आ जाने से घर लगता है स्वर्ग
बचपन से ही मां पापा का रखती है खयाल
नाराजगी बड़ा चेहरा देखकर करते ढेरों सवाल
भाई के जीवन में भर देती है खुशियों के रंग
हंसते-खेलते मस्ती भरे लम्हे बिताए जिनके संग
मां के हर मुश्किलों को चुटकियों मे सुलझाती
पापा की जरूरतों को बिना कहे ही जान जाती
बड़ी होते ही बाबुल कर देता है उसे बिदा
पराए घर को भी अपना बनाने की उसने हैं अदा
पती की अर्द्धांगिनी बन कर हर कदम पर देती है साथ
सहनशीलता की मूरत नारी की क्या करें हम बात
सभी की इच्छाओं को करती है साकार
मुश्किल भरे लम्हों में न मानी कभी हार
मां बनते ही अल्ह़डसी से बेटी बन जाती हैं समझदार
खुद को भूल बच्चों पर लूटाती है प्यार
न
जाने इस नारी ने कितने सारे रिश्तो को है संजोया
सब को संभालते संभालते अपना अस्तित्व है पाया
दोस्तों.... ये हैं हमारी इकीसवीं सदी की नारी
प्रेरणादाई रहे सबके लिए इनकी जीवन सवारी...
नारी घर की शोभा है, नारी घर की आभा है। नारी के बिना घर सुना सुना है। किसी ने सच ही कहा है, नारी इस सृष्टि की जननी है। जिसके बिना हम इस जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। मेरी यह महिला / बनाई कविता आपको बेशक पसंद आई होगी. तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर कर के नारी सम्मान बढ़ाये।
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महिला पर बनाई हुई हिंदी कविता बहुत ही प्रेरणादाई है
ReplyDeleteBeautiful
ReplyDeleteThanks a lot...
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