जैन दिवाली हिंदी कविता Jain Diwali Poem in Hindi

September 07, 2017
जैन धर्म 'अहिंसा' का संदेश देता है। 'जिओ और जीने दो' यह हमारा नारा है। दीपावली के दिन हमारे भगवान का निर्वाण हुवा हैं। अरिहंत सिध्द ने हमे अहिंसा का मर्म सिखलाया हैं, फिर हम हिंसामय दीपावली क्यों मना रहे हैं? दीपावली त्यौहार हम किस तरह मनाएं? दीपावली का हमारे जीवन में क्या महत्व है? यह काव्य पंक्तियों के द्वारा हम जानने का प्रयास करते हैं :-


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जैन दिवाली हिंदी कविता  

Jain Diwali Poem in Hindi

सादगी एवम् सरलता से मनाएं दीपावली
तप-त्याग के आराधना से तो आएगी खुशहाली
 भगवान महावीर का हुआ था इस दिन निर्वाण 
पा लिया था उन्होंने अनंत सुखों का मोक्षधाम
 सूर्योदय की बेला में गौतम स्वामी को हुआ केवलज्ञान 
एक दिव्य ज्योति ने विदा ली दूजी हुई प्रकाशमान 
मिटाना है इस पर्व में झोपड़ियों का अंधेरा 
लाना है सब के जीवन में खुशनुमा सवेरा
परमपिता महावीर ने ली थी इस दिन बिदाई 
पटाखे फोड़ हिंसा करके हमने कैसी दिवाली मनाई? 
परमात्मा की साधना में लीन होकर मनाना है यह दिन
अज्ञान रुपी अंधकार का नाश होता रहे हर दिन
दीपावली आपके पथ में जीवनदायिनी रश्मियाँ बिखेरे
 फूलों की वादियों की तरह सभी का जीवन महके। 

  आज दीपावली के दिन  भगवान महावीर का स्मरण कर के उनके सिध्दांतो् को अपने जीवन में उतारने का प्रयास करते हैं। ज्ञान,दर्शन, चारित्र,तप की आराधना में हमारा यह दीपावली त्यौहार बीते। यही अपने सभी साधर्मी भाई बहनों को शुभकामनाएं देती हूं।

अवश्य पढ़े :- १] जैन तपस्या पर हिंदी नाटिका 
                   २] जैन शायरी 
                   ३] जैन चातुर्मास पर हिंदी कविता 
                   ४] बच्चों के लिए जैन हिंदी ड्रामा 
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