प्यार पर हिंदी कविता "अपनासा"
First Love / Romantic Hindi Poem "Apnasa"
सिर्फ वो शख्स मुझे यहां अपना सा लगता है
और दिल मेरा मुझसे जुदा सा लगता है
हर वक्त वह साथ मेरे हर पल उसी का एहसास
फिर भी साथ क्यों उसका मुझे जरा जरा सा लगता है
और दिल मेरा मुझसे जुदा सा लगता है
हर वक्त वह साथ मेरे हर पल उसी का एहसास
फिर भी साथ क्यों उसका मुझे जरा जरा सा लगता है
यह दर्द का सफर दिल का दीवानापन
बेदर्द मुझे वह फिर भी क्यों खुदा सा लगता है
बेदर्द मुझे वह फिर भी क्यों खुदा सा लगता है
तनहाइयां महफिल की है जैसे खामोश
कोई साथ है
चारों तरफ मेरे वह क्यों बसा हुआ सा लगता है
नींदे मेरी बड़ी देर तक लिखती है उसके बारे में
आंखें मेरी कहती है सब कुछ क्यों पढा हुआसा लगता है
अब बस वही शख्स मुझे यहां अपनासा लगता है
और दिल मेरा मुझसे जुदा सा लगता है
नींदे मेरी बड़ी देर तक लिखती है उसके बारे में
आंखें मेरी कहती है सब कुछ क्यों पढा हुआसा लगता है
अब बस वही शख्स मुझे यहां अपनासा लगता है
और दिल मेरा मुझसे जुदा सा लगता है
क्यों
दोस्तों खो गए थे ना इस प्यार भरी कविता में? वाकई में यह कविता मन के
सारे भावों को व्यक्त कर देती हैं। अगर आपको यह कविता पसंद आई होगी तो अपने
दोस्तों के साथ इस कविता को जरूर शेयर करें।
अवश्य पढ़े :- १] प्यार पर हिंदी शेरो शायरी
२]चाहत हिंदी कविता
३] संगीत संध्या पर हिंदी एंकरिंग
अवश्य पढ़े :- १] प्यार पर हिंदी शेरो शायरी
२]चाहत हिंदी कविता
३] संगीत संध्या पर हिंदी एंकरिंग
Excellent Poem...
ReplyDeleteVery Romantic Poem
ReplyDeleteMind blowing poem on love... 👍👍👍
ReplyDeletethanks a lot...
DeleteMind blowing poem on love 😍👍
ReplyDelete