कॉलेज लाइफ खत्म होते ही इंतजार रहता है उस पल का कि कब हम यार दोस्त मिलेंगे और फिर से अपनी दुनिया जिएंगे। और गेट टूगेदर का वह हसीन पल आता है तो मानो दुनिया ठहर जाती है। यह कविता मैंने अपने पति के दोस्तों के गेट टूगेदर में बनाई थी। जिसे आप आपके गेट टूगेदर में भी शेयर कर सकते हैं।
स्नेह सम्मेलन / गेट टुगेदर पर बनाई हुई हिंदी कविता "जिंदगी के रंग....प्यारे दोस्तों के संग"
Hindi Poem on Get together
कॉलेज के लम्हे थे बड़े ही यादगार
काश ! जिंदगी मैं लौट आते बार-बार
हंसते-खेलते न जाने कब बीते दिन
अपनी ही धुन में रहते थे हम लीन
याद है वह कभी रूठना कभी मनाना
यारों के संग बिता जो मौसम सुहाना
शेगांव की ट्रिप की आती है हमेशा हमें याद
विक्रम के दादाजी के जोक्स की देनी पड़ेगी दाद
विक्रम के दादाजी के जोक्स की देनी पड़ेगी दाद
हॉस्टेल की वह प्यारभरी ढेर सारी बातें
ताश कैरम खेलने में हीं गुजर जाती थी रातें
मजा आता था जब होती थी एक दूजे की खींचतान
कॉलेज गैदरिंग में लगा दी थी हमने अपनी जान
छुट्टियों के दिन बड़े मुश्किल से गुजरते
यारों को मिलने हम तरस जाते हैं
पता ही नहीं चला कब चार साल बीत गए
कब हम अपने यार दोस्तों से बिछड़ गए
जिनके बिना एक पल भी हम रह नहीं पाते
उनके बिन कैसे यह जिंदगी है जीते ?
बहुत सालों के बाद आया है प्यारभरा अफसाना
आज जी लिया फिर से हमने अपना याराना
रंग-बिरंगी दोस्ती की महकती रहे बहार
यारों के संग लुटाते रहे हम खुशियां अपार।
बहुत सालों के बाद आया है प्यारभरा अफसाना
आज जी लिया फिर से हमने अपना याराना
रंग-बिरंगी दोस्ती की महकती रहे बहार
यारों के संग लुटाते रहे हम खुशियां अपार।
वाकई में अपने पुराने दोस्तों को मिलकर यादें कितनी तरोताज़ा हो जाती हैं। लगता हैं मानो ज़िंदगी ठहर गई हैं। दोस्तों से मिलकर ,ढ़ेर सारी बातें कर के हम फिर से ज़िन्दगी कि दौर में लग जाते हैं। दोस्तों टुगेदर बनाई हुई यह हिंदी कविता में थोड़ा सा बदलाव कर के आप भी अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते है...तो चलिए देर किस बात की...आप भी अपने दोस्तों के साथ पुराणी यादों में खो जाइये.....
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